Deputy Speaker को लेकर अभी भी संशय बरकरार, India Bloc के लिए क्यों अहम है ये पद?

Written By आदित्य प्रकाश | Updated: Jun 27, 2024, 12:41 PM IST

Lok Sabha

कांग्रेस (Congress) नेता वेणुगोपाल ने सरकार को घेरते हुए कहा कि 'वो संसदीय परंपरा को मानने से मना कर रही है, इसको लेकर आम राय है कि ये पद विपक्ष को मिलना चाहिए.' आखिर लोकसभा के डिप्टी स्पीकर पद की क्या अहमियत है, विपक्ष इस पद की मांग क्यों कर रहा है? आइए बताते हैं.

लोकसभा (Lok Sabha) में बुधवार यानी कल ओम बिरला (OM Birla) ध्वनिमत स्पीकर चुन लिए गए. इसके साथ ही स्पीकर के पद को लेकर जो घमासान छिड़ा हुई थी, वो कल थम गई. बावजूद इसके डिप्टी स्पीकर (deputy speaker) के पद को लेकर संशय अभी भी बना हुआ है. इंडिया ब्लॉक की तरफ से इस पद की मांग की गई है. इसको लेकर कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने सरकार को घेरते हुए कहा कि 'वो संसदीय परंपरा को मानने से मना कर रही है, इसको लेकर आम राय है कि ये पद विपक्ष को मिलना चाहिए.'  इस पद को लेकर जिस तरह से विपक्ष मांग कर रहा है, आइए जानते हैं कि लोकसभा के डिप्टी स्पीकर पद की क्या अहमियत है.


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India Bloc के लिए क्यों अहम है ये पद
कांग्रेस की तरफ से इस पद को लेकर लगातार मांग की जा रही है. इंडिया ब्लॉक के कई नेता इस पद को लेकर कह रहे हैं कि ये पद विपक्ष को मिलना चाहिए हैं. पक्ष-विपक्ष के बीच सहमति नहीं बनने की वजह से विपक्ष ने भी स्पीकर पद के लिए के सुरेश के तौर पर अपना प्रत्याशी उतारा था. पिछली बार की बैत करें तो 17वीं लोकसभा (2019-24) के दौरान लोकसभा में कोई भी उपाध्यक्ष नहीं था. वहीं 16वीं लोकसभा (2014-19) के दौरान एनडीए की तरफ से एआईएडीएमके के एम थम्बी दुरई को लोकसभा का उपाध्यक्ष बनाया गया था. उससे पहले के दौर की बात करें तो 1990 से 2014 तक ये पद विपक्ष के खाते में ही गया था.इस पद को लेकर खास बात ये है कि स्पीकर के गैर मौजूदगी में सारे अधिकार डिप्टी स्पीकर के पास ही होते हैं, ऐसी स्थिति में अगर इंडिया ब्लॉक को ये पद मिलता है, तो उन्हें इसका भरपूर फायदा मिल सकता है.  

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