डीएनए हिंदी: कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया था कि खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर के मर्डर में भारतीय एजेंट का हाथ हो सकता है. इसके बाद से कनाडा और भारत में विवाद जारी है और दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हिंदुस्तान में कनाडा के राजनयिक अधिक हैं. ऐसे में संतुलन बनाने की जरूरत है और इस पक्ष को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने राजदूतों की संख्या कम की है. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया कि राजनयिकों की ये बड़ी संख्या हमारे आंतरिक मामलों में दखल देती है. ऐसे हालात में संतुलन बनाना जरूरी है और इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच सकारात्मक चर्चा हो रही है.
विदेश मंत्रालय के सचिव ने कहा कि हमारा ध्यान कनाडा (India Canada Relation) की राजनयिक उपस्थिति में समानता सुनिश्चित करने पर है. सूत्रों के मुताबिक, भारत ने 21 सितंबर को कनाडा से डिप्लोमैट कम करने के लिए कहा था. बता दें कि डिप्लोमैट्स की संख्या को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव जारी है. हालांकि, भारत के कड़े तेवर देखने के बाद कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के तेवर पहले से नर्म हुए हैं. जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा के संसद में खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों के हाथ होने की बात कही थी.
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जी-20 समिट के बाद से दोनों देशों के बीच बढ़ी टेंशन
बता दें कि जी-20 समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के सामने खालिस्तानी अलगाववादियों के कनाडा में मौजूदगी का मुद्दा उठाया था. इसके बाद कनाडा के पीएम ने अपने देश की संसद में बयान दिया था कि खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों का हाथ हो सकता है. कनाडा के इस दावे का भारत ने कड़ाई से खंडन किया था जिसके बाद से ट्रूडो सरकार बैकफुट पर है. भारत ने कनाडा के राजदूतों की संख्या भी कम की है.
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भारत ने लिया है कनाडा के राजदूतों पर एक्शन
बता दें कि जस्टिन ट्रूडो के दावे के बाद कनाडा ने एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित कर दिया था. इसके बदले में फिर हिंदुस्तान नें भी एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित किया गया था. फिलहाल दोनों देशों के संबंधों में तनाव बरकरार है. हालांकि, विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि दोनों देशों के बीच राजनयिक मुद्दे पर सकारात्मक चर्चा चल रही है. भारत ने यह जरूर स्पष्ट कर दिया है कि खालिस्तान के मुद्दे पर हमदर्दी और भारतीय एकता पर आघात करने वाले तत्वों पर केंद्र सरकार बेहद सख्त है
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