डीएनए हिंदी: कोविड-19 महामारी के बाद बने हालात ने वैश्विक परिदृश्य को और भी अनिश्चित और जटिल बना दिया है. महामारी संकट के बीच भी भारत लगातार चीन की ओर से चुनौतियों का सामना कर रहा है. ऐसे हालात में भारत और चीन के बीच बेहतर संबंध बहाल करने के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने खास बात कही है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध कायम करने के लिए आपसी विश्वास से लेकर कई और चीजों पर काम करना होगा.
Jaishankar बोले, सम्मान और विश्वास जरूरी
भारत-चीन संबंधों का विकास परस्पर सम्मान, परस्पर संवेदनशीलता और परस्पर हितों पर आधारित होना चाहिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि सीमा पर बने हालात का असर भारत-चीन संबंधों पर भी दिखेगा. आसियान देशों के कई विदेश मंत्रियों की उपस्थिति में 12वें 'दिल्ली संवाद' को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि आसियान भागीदारों की भारत और चीन के बीच संबंधों में रुचि होगी.
बता दें कि पिछले 2 साल में जब कोविड महामारी की वजह से पूरी दुनिया के लिए मुश्किल भरे हालात बने रहे हैं तब ऐसे वक्त में भी भारत को सीमा पर चीन की तरफ से चुनौतीपूर्ण हालात का सामना करना पड़ रहा है. चीन लद्दाख के पास और पूर्वोत्तर में भारतीय सीमाओं से सटे अपने इलाके में बड़े पैमाने पर इन्फ्रास्ट्रक्चर कर रहा है.
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भारत-चीन संबंधों को 3 बिंदुओं में समझाया
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन के संबंध सिर्फ 2 देशों के संबंध तक सीमित नहीं हैं. इसका असर कई अलग परिदृश्य और वैश्विक मंचों पर भी नजर आता है. उन्होंने कहा, 'दोनों देशों के बीच संबंध वैश्विक परिदृश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों को सहयोग बढ़ाने पर असर डालता है.'
विदेश मंत्री ने दो एशियाई ताकत के आपसी संबंधों पर बात करते हुए कहा कि वास्तव में इन दो देशों के बीच संबंध एक साथ खड़े होने की जरूरत को नए सिरे से बताता है. विदेश मंत्री ने कहा कि यह स्वाभाविक है कि व्यापक परिदृश्य का जायजा लेते समय आसियान भागीदारों की चीन-भारत संबंधों में रुचि होगी. उन्होंने कहा, 'तो, मैं स्पष्ट कर दूं कि हमारे संबंधों का विकास तीन परस्पर - परस्पर सम्मान, परस्पर संवेदनशीलता और परस्पर हितों - पर आधारित होना चाहिए.'
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2020 से चीन की ओर से गतिरोध का सामना कर रहा है भारत
विदेश मंत्री की यह टिप्पणी भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी गतिरोध के बीच आई है जिसकी शुरुआत मई 2020 में हुई थी. हालांकि, कई दौर की वार्ता के बाद दोनों देशों ने गतिरोध वाले कुछ बिंदुओं से अपने सैनिकों को पीछे हटाया है.
चीन सीमा पर ही गतिरोध तक सीमित नहीं है, वैश्विक मंचों पर भी भारत के खिलाफ गुटबाजी करने से बाज नहीं आ रहा है. हाल ही में ऐसी खबरें आई हैं कि तुर्की और मलेशिया के साथ मिलकर चीन एपएटीएफ की ग्रे लिस्ट से पाकिस्तान को निकालने के लिए जोर लगा रहा है.
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