I.N.D.I.A Delegation Manipur Visit: महिलाओं ने सुनाई दरिंदगी की कहानी, जानें विपक्षी सांसदों से पीड़ितों ने क्या मांग की

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 30, 2023, 12:28 PM IST

I.N.D.I.A Delegation Manipur Visit

I.N.D.I.A Delegation Meets Victims: विपक्षी दलों के 20 सदस्यों के प्रतिनिधि दल मणिपुर में दो दिनों का दौरा कर रहे हैं. इस दौरान विपक्षी सांसदों ने हिंसा पीड़ितों के 4 शिविरों का मुआयना किया और कहा कि प्रदेश में स्थिति भयावह है.

डीएनए हिंदी: मणिपुर में विपक्षी सांसदों ने (INDIA Delegation Manipur Visit) हिंसा पीड़ित शिविरों का दौरा किया है. इस दौरान विपक्षी प्रतिनिधि दल ने भीड़ की हिंसा का शिकार हुईं महिलाओं से भी मुलाकात की. इंडिया डेलिगेशन ने बताया कि पीड़ितों की कहानी भयावह है और उनके साथ हुए अपराध की कहानी रोंगटे खड़े कर देने वाली है. हमारे लिए राहत शिविरों का दौरा करना बहुत विचलित करने वाला अनुभव रहा है. यहां की ग्राउंड रिपोर्ट की जानकारी हम दिल्ली में देंगे. पूरा प्रदेश चाहता है कि जल्द से जल्द स्थिति नियंत्रित हो और जनजीवन सामान्य हो जाए. विपक्षी सांसदों ने यह भी कहा कि राहत शिविर में रह रहे पीड़ितों को अब राज्य सरकार और मुख्यमंत्री से कोई उम्मीद नहीं है. 

4 शिविरों में हिंसा प्रभावितों से मिले विपक्षी दल के नेता  
दो दिन के मणिपुर दौरे पर पहुंचे विपक्षी सांसदों के प्रतिनिधि दल ने हिंसा प्रभावित राज्य के कई इलाकों का दौरा किया. इसके बाद विपक्षी गुट I.N.D.I.A. के सांसदों ने कहा कि आज सका दिन हम सबके लिए बहुत मुश्किल और पीड़ा भरा दिन है. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि हम 4 राहत शिविरों में गए और लोगों का दर्द सुना. पीड़ित महिलाओं ने अपने साथ हुई भयावह हिंसा की कहानियां हमसे साझा कीं. यह हमारे लिए बहुत विचलित करने वाला अनुभव था. विपक्षी सांसदों ने कहा कि हम लोग दिल्ली लौटेंगे और संसद में इस दौरे में सामने आई डरावनी कहानियों को उठाएंगे.

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'हिंसा की कहानियां वीभत्स, पुलिस बनी रही मूकदर्शक'
टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि हमने उन महिलाओं से भी बात की जिन्हें निर्वस्त्र कर उनके परिवार को पीटा गया था और दौड़ाया गया था. उन्होंने कहा कि महिलाओं ने बताया कि पुलिस ने इस दौरान कोई मदद नहीं की और मूकदर्शक बनी रही. हमारे लिए यह जानना बेहद पीड़ादायी था कि पुलिस और प्रशासन मूकदर्शक रही. लोगों का कहना है कि उनका राज्य सरकार पर अब कोई भरोसा नहीं है और मुख्यमंत्री से भी कोई उम्मीद नहीं बची है. 

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विपक्षी सांसद रविवार को राज्यपाल से भी मिलेंगे और पीड़ित शिविरों का अनुभव शेयर करेंगे. विपक्षी डेलिगेशन इस मामल में राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपने वाला है. बता दें कि मणिपुर में पिछले 3 महीने से लगातार हिंसा हो रही है और इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में भी जमकर हंगामा हो रहा है. मानसून सत्र में मणिपुर का मुद्दा छाया हुआ है. विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर अविश्वास प्रस्ताव भी लेकर आया है और प्रधानमंत्री से बयान देने की मांग कर रहा है. 

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