डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से कहा है कि वे मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox Virus) की वैक्सीन बनाने की दिशा में काम करें. भारत में भी मंकीपॉक्स के कई मामले सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है. देश में वैक्सीन बनाने और उसकी रिसर्च के लिए काम करने वाली सरकारी संस्था इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने वैक्सीन (Monkeypox Vaccine) बनाने के लिए कंपनियों से बोलियां मांगी हैं. वैक्सीन के अलावा, इस वायरस के लिए डायगनॉस्टिक किट यानी दवाएं बनाने के लिए भी बोलियां मांगी गई हैं.
आईसीएमआर ने कहा है कि मंकीपॉक्स के लिए वैक्सीन और डायगनॉस्टिक किट को पब्लिक प्राइेट पार्टनरशिप प्रोग्राम के तहत बनाया जा सकता है. जो कंपनियां इस काम में रुचि रखती हैं वे 10 अगस्त तक अपनी बोलियां जमा करा दें. आपको बता दें कि अभी तक देश में मंकीपॉक्स के कुल चार मामले सामने आए हैं. इनमें तीन मरीज केरल के और एक दिल्ली का है.
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यूरोप और अमेरिका में मुसीबत बना मंकीपॉक्स
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर के 78 देशों में अभी तक मंकीपॉक्स के 18,000 से ज़्यादा केस सामने आ चुके हैं. इसमें से 70 प्रतिशत से ज़्यादा केस यूरोपीय क्षेत्र से हैं और 25 प्रतिशत केस अमेरिका से हैं. इतने केस के बावजूद अभी तक बहुत कम वैक्सीन कैंडिडेट हैं.
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फिलहाल, डेनमार्क की कंपनी बवारियन नॉर्डिक ने मंकीपॉक्स के खिलाफ एक वैक्सीन विकसित की है लेकिन अभी इसका एफिशिएंसी डेटा मौजूद नहीं है. इसका मतलब यह है कि वैक्सीन कितनी असरदार है यह अभी नहीं पता चल पाया है. डॉक्टरों का कहना है कि वैक्सीन बनाने और उसे जल्दी से विकसित करने की ज़रूरत है.
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