डीएनए हिंदी: दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में डॉक्टरों की एक टीम ने 15 नवंबर 1998 को एक 20 महीने के बच्चे का लिवर ट्रांसप्लांट किया था. देश में पहली बार किसी बच्चे का लिवर ट्रांसप्लांट किया गया था. इसे सफल लिवर ट्रांसप्लांट की खूब चर्चा भी हुई थी. 25 साल पहले जिस बच्चे का लिवर ट्रांसप्लांट हुआ था, आप बड़ा होकर वह खुद भी डॉक्टर बन गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 25 साल पहले 20 महीने के बच्चे संजय कंडास्वामी का लिवर ट्रांसप्लांट किया गया था. अपोलो इंद्रप्रस्था अस्पताल में हासिल की गई इस उपलब्धि के 25 साल बाद एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें संजय अपने माता-पिता के साथ शामिल हुए. जहां उन्होंने बताया कि वह ग्रामीण इलाकों में अंगदान के लिए जागरूकता पैदा कर रहे हैं. इसके साथ ही वह बता रहे हैं कि अंग प्राप्त करता सर्जरी के बाद पूरी तरह से कैसे सामान्य जीवन जी सकता है. बता दें कि वह गृह नगर कांचीपुरम में एक स्थानीय अस्पताल में डॉक्टरी का अभ्यास भी कर रहे हैं.
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सर्जरी को लेकर मां से पूछते थे सवाल
संजय ने बताया कि जब उनकी सर्जरी हुई थी तो वह कुछ ही महीने के थे इसलिए उन्हें कुछ भी याद नहीं है. उन्होंने बताया कि बड़ा होने के बाद वह अपनी मां से पेट पर सर्जरी के निशान के बारे में अक्सर ही सवाल करते रहते थे. उन्होंने बताया कि बाद में मुझे समझाया गया कि डॉक्टरों ने और मेरे पिता ने मेरी जान किस तरह बचाई. उन्होंने बताया कि इस वजह से ही उन्होंने फैसला लिया कि वह भी खुद एक डॉक्टर बनेंगे और लोगों की जान बचाने की कोशिश करेंगे.
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2021 में पूरा किया अपना एमबीबीएस का कोर्स
संजय ने बताया कि वह लिवर ट्रांसप्लांट करने वाले डॉ अनुपम सिब्बल को प्रेम से चाचा सिंबल भी कहते हैं. उन्होंने कहा कि हाल में ही उनकी सगाई हुई है और वह शादी की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 2021 में उनका एमबीबीएस पूरा हुआ और उसके बाद से वह अभ्यास कर रहे हैं. वहीं, अपोलो हॉस्पिटल समूह के चिकित्सा निदेशक और वरिष्ठ बाल रोक विशेषज्ञ अनुपम सिब्बल ने बताया कि 25 साल पहले हुए ऐतिहासिक ट्रांसप्लांट के बाद से अपोलो में 555 प्रक्रियाओं सहित 4300 से अधिक लिवर ट्रांसप्लांट किए जा चुके हैं.
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