डीएनए हिंदी: भारत के पूर्व 8 नौसैनिकों को कतर में फांसी की सजा दी गई है जिसके खिलाफ भारत सरकार ने अपील की है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि अपने आठों नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए भारत सरकार हर संभव कोशिश कर रही है. 3 दिसंबर को भारतीय कांसुलेट ने इन आठों नागरिकों के साथ मुलाकात की है. कतर के शासक ने 18 दिसंबर को देश के नेशनल डे के मौके पर भारतीय नागरिकों समेत कई सारे कैदियों को माफ किया है. हालांकि, अब तक भारतीय विदेश मंत्रालय को वह सूची नहीं दी गई है जिससे पता चल सके कि रिहाई पाने वाले नागरिकों में ये पूर्व 8 सैनिक हैं या नहीं. आठ पूर्व नौसैनिकों को इजरायल के लिए जासूसी के आरोप में फांसी की सजा दी गई है.
अरिंदम बागची ने मीडिया प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि भारत सरकार अपने 8 नागरिकों को ुसरक्षित वतन वापस लाने के लिए सभी संभव कोशिश कर रही है. हमें भारतीयों की माफी के बारे में सूचना मिली है लेकिन अब तक कतर की ओर से नागरिकों की लिस्ट नहीं दी गई है. इसलिए, हम यह नहीं कह सकते हैं कि रिहाई पाने वाले में 8 पूर्व भारतीय नौसैनिक हैं या नहीं. 3 दिसंबर को हमारे कांसुलेट ने अपने आठों नागरिकों से मुलाकात की है. फिलहाल हम यही जानकारी दे सकते हैं.
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8 भारतीय नागरिकों को कतर ने दी मौत की सजा
कतर की अदालत में जिन आठ भारतीय नागरिकों को मौत का सामना करना पड़ रहा है उनमें नौसेना के अधिकारी शामिल हैं. ये आठों पूर्व नौसैनिक ने फ्रंटलाइन वॉरशिप पर काम किया है. 26 अक्टूबर को कतर की अदालत ने इन आठ लोगों को मौत की सजा सुनाई थी. भारत सरकार ने इस सजा के खिलाफ अपील की है. कतर ने इन नागरिकों पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया है. मौत की सजा से पहले एक साल तक इन्हें बिना किसी मुकदमे के ही जेल में भी रखा गया था.
विदेश मंत्रालय ने कहा, सुरक्षित वापसी की कोशिश कर रहे हैं
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमने पहले भी कहा है कि ये एक गंभीर मामला है. हम अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए सभी संभव कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं. इससे पहले दोहा की अदालत में भी इस मामले पर 3 बार सुनवाई हुई है. कतर सरकार की ओर से जिन लोगों को माफी दी गई है उनमें ये 8 पूर्व नौसैनिक भी हैं, इसे लेकर हमें अब तक कोई स्पष्ट संकेत कतर सरकार की ओर से नहीं मिला है.
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