डीएनए हिंदी: भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले कई सालों से गतिरोध जारी है. अब एक रिसर्च पेपर में सामने आया है कि पूर्वी लद्दाख में मौजूद 65 में से 26 पेट्रोलिंग प्वाइंट गंवा दिए हैं. द हिंदू अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह जानकारी पिछले हफ्ते वार्षिक पुलिस सम्मेलन में पेश किए गए एक रिसर्च पेपर में दी गई है. इस खबर पर कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार को घेरते हुए सवाल उठाए हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्विटर पर टैग करते हुए लिखा है कि चीन को आपकी ओर से दी गई क्लीनचिट की वजह से देश की बदनामी हो रही है.
इस रिसर्च पेपर में कहा गया है कि भारतीय सेना की 'प्ले सेफ' की रणनीति की वजह से चीन से लगी सीमा पर चरवाहों को जाने से रोका जा रहा है जिससे एक बफर जोन बन रहा है. द हिंदू ने अपनी खबर में इस रिसर्च पेपर के हवाले से लिखा है कि भारत ने पूर्वी लद्दाख में 65 में से 26 पेट्रोलिंग प्वाइंट गंवा दिए हैं. सीमावर्ती क्षेत्र में जाने वाले स्थानीय लोगों और चरवाहों की एंट्री रोक दिए जाने की वजह से ये इलाके अब भारत की पहुंच से दूर हो गए हैं.
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चरवाहों को भी रोक रही है सेना
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) से टकराव से बटने के लिए चरवाहों को रोक दिया है. इसके लिए खाली इलाकों में भी चेक पोस्ट बनाकर वहां सेना के जवान तैनात कर दिए गए हैं. हाल ही में पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 और 16 के डिसइंगेजमेंट को लिए हुए समझौते में भारत ने गोगरा हिल्स, नॉर्थ बैंक, पैंगोंग झील और काकजंग इलाकों में मौजूद उन जमीनों को गंवा दिया है जहां भारत के चरवाहे अपने जानवरों को लेकर जाते थे.
20 से 22 जनवरी तक इंटेलिजेंस ब्यूरो की ओर से आयोजित डीजीपी कॉन्फ्रेरेंस में इस रिसर्च पेपर के बारे में कोई चर्चा नहीं की गई जबकि इस कॉन्फेरेंस में पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने भी हिस्सा लिया था. देशभर के पुलिस अधिकारियों ने 'बिना चारदीवारी की वजह से होने वाली सुरक्षा समस्याएं' विषय के तहत इस तरह के कुल 15 रिसर्च पेपर पेश किए थे.
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द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख में LAC के पास कम से कम 30 पेट्रोलिंग प्वाइंट ऐसे हैं जिन पर अब भारत के सैनिक पेट्रोलिंग नहीं कर रहे हैं. आपको बता दें कि 15 जून 2020 को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में दोनों तरफ के कई सैनिकों की जान चली गई थी.
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