विश्व स्वास्थ्य संगठन ((WHO) ने एमपॉक्स वायरस को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है. एमपॉक्स की नई स्ट्रेन ने दुनियाभर की टेंशन बढ़ा दी है. वायरस का यह वेरिएंट पहले की तुलना में काफी खतरनाक माना जा रहा है. पहले की अपेक्षा में इस बार एमपॉक्स वायरस तेजी से फैल रहा है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वायरस से निपटने के लिए अस्पतालों में आपातकालीन वार्ड तैयार रखने के आदेश दिए गए हैं. साथ ही केंद्र सरकार ने एमपॉक्स के मामलों में वृद्धि के कारण भारतीय हवाई अड्डे और सीमाओं पर अलर्ट जारी किया है.
केंद्र ने एयरपोर्ट, बंदरगाहों और बांग्लादेश तथा पाकिस्तान की सीमाओं पर अधिकारियों को सूचित किया है वे बाहर से आने वाले यात्रियों के प्रति सतर्कता बरतें और किसी तरह का जोखिम न लें. फिलहाल एमपॉक्स के मामले दुनियाभर से सामने आ रहे हैं.
इन अस्पतालों में बनाया क्वारंटीन
इस स्थिति को देखते हुए दिल्ली में तीन सरकारी अस्पतालों को एमपॉक्स रोगियों को क्वारंटीन करने और उनका इलाज करने के लिए चुना गया है. इनमें राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल और लेडी हार्डिंग अस्पताल का नाम शामिल है.
सूत्रों के अनुसार, सरकार ने अस्पतालों को निर्देश दिया है कि जिनके शरीर पर दाने उभर रहे हैं, ऐसे मरीजों की पहचान करें और आइसोलेशन वार्ड तैयार करें. केंद्र ने सभी राज्यों से एमपॉक्स मामलों को संभालने के लिए अस्पतालों को तैयार रखने को कहा है.
PM Modi के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने रविवार को एमपॉक्स के लिए देश की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें त्वरित पहचान के लिए निगरानी बढ़ाई गई.
अधिकारियों का कहना है कि अभी तक देश में इस वायरस से प्रभावित होने वाला एक भी मामला सामने नहीं आया है. आधिकारियों का संदिग्ध मरीजों के आरटी-पीसीआर और नाक के स्वाब टेस्ट किए जाएंगे.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक अधिकारी के हवाले से बताया, "इस बार वायरस का प्रकार अलग है और यह अधिक विषैला और संक्रामक है. लेकिन मौजूदा आकलन के अनुसार देश में निरंतर संचरण के साथ बड़े प्रकोप का जोखिम कम है.
16 अगस्त को एमपॉक्स के नए स्ट्रेन के 3 मामले सामने आए है. जो संयुक्त अरब अमीरात से आए थे. हालांकि अभी तक भारत में इस वायरस से संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि जून 2022 से मई 2023 के बीच भारत में एमपॉक्स के 30 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से अधिकांश विदेशी थे. अधिकारियों का ये भी कहना है कि जिसको चेचक का टीका लगा है, ऐसे लोगों को डरने के जरूरत नहीं है. उनको संक्रमण का खतरा कम है.
मंकीपॉक्स वायरस के कारण फैसले वाली एमपॉक्स एक वायरल बीमरी है. मंकीपॉक्स वायरस ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस की एक प्रजाति है. एमपॉक्स को पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था.
एमपॉक्स वायरस बंदरों में फैलने वाला एक संक्रमण है, इसीलिए इसे मंकीपॉक्स वायरस कहा जा रहा है. संक्रमित जानवर के संपर्क में आने से यह वायरस इंसानों में भी फैलता है. Mpox वायरस का संबंध चेचक, काउपॉक्स, वैक्सीनिया जैसी बीमारियों से है.
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