डीएनए हिंदी: भारत अपने अगले अंतरिक्ष मिशन की तैयारियों मे जोरशोर से जुटा हुआ है. अंतरिक्ष में इंसानों को भेजने वाले इस 'गगनयान' मिशन की तैयारियां चरणबद्ध तरीके से की जा रही हैं. इसी के लिए एयरफोर्स के चार पायलट का भी चुनाव किया गया है और इनकी ट्रेनिंग चल रही है. चर्चा है कि इन्हीं में से किसी एक को अगले साल तक स्पेस स्टेशन में भेजा जाएगा. पहली बार इन पायलट्स की ट्रेनिंग का वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में किसी पायलट का चेहरा या पहचान उजागर नहीं की गई है. वीडियो में देखा जा सकता है कि ये पायलट जबरदस्त फिजिकल ट्रेनिंग कर रहे हैं.
इसी वीडियो में RLV-TD को भी दिखाया गया है जिसे चिनूक हेलिकॉप्टर से काफी ऊंचाई से गिराया जाता है और उसकी सॉफ्ट लैंडिंग होती है. इसरो की अगुवाई में यह मिशन चंद्रयान-3 और आदित्य L1 के बाद काफी अहम माना जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, 26 अक्टूबर को गगनयान मिशन की टेस्ट उड़ान हो सकी है. हालांकि, अभी कोई औपचारिक पुष्टि नहीं की गई है. इस मिशन के लिए लॉन्चिंग रॉकेट LVM-3 को गगनयान के क्रू-मॉड्यूल को ले जाने लायक बनाया जा रहा है जिसमें इंसान सुरक्षित रहें.
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इंसानों के लायक बनाया जा रहा है LVM-3 रॉकेट
इस रॉकेट को इंसानों के लायक बनाने के बाद इसका नाम ह्यूमन रेटेड लॉन्च व्हीकल (HRLV) कर दिया जाएगा. इसे ऐसा बनाया जाएगा ताकि किसी भी तरह का खतरा होने पर यह क्र मॉड्यूल के अंदर मौजूद इंसान को लेकर वह लौट सके. इसके लिए इसरो ने अलग-अलग तरह के चार-पांच खतरों से निपटने के लिए काम भी किया है. समुद्र में क्रू-मॉड्यूल की लैंडिंग का टेस्ट भी किया जा चुका है.
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गगनयान मिशन के लिए हाई अल्टीट्यूड ड्रॉप टेस्ट और पेड अवाइड टेस्ट करवाए जा रहे हैं. इसमें क्रू एस्केप सिस्टम रॉकेट से अलग हो जाएगा और 2 किलोमीटर दूर जाकर गिरेगा. क्रू मॉड्यूल रॉकेट के ऊपर लगाया जाना है इसलिए बूस्टर इंजनों की भी टेस्टिंग की जानी होगी.
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