India China News: लद्दाख में तनाव के बीच भारत और चीन के सैनिक रूस में मिलकर करेंगे अभ्यास!

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 18, 2022, 01:26 PM IST

India vs China

India China War Exercise: चीन ने बताया है कि उसकी सेना रूस में होने वाले युद्धाभ्यास में हिस्स लेगी. इस युद्धाभ्यास में भारत की सेना के हिस्सा लेने की भी प्रबल संभावना है.

डीएनए हिंदी: जून 2020 से भारत और चीन के बीच लद्दाख में गतिरोध जारी है. दोनों देशों के बीच तनाव कम जरूर हुआ है लेकिन लद्दाख में कई जगहों पर सेनाएं अभी भी आमने-सामने खड़ी हुई हैं. इस बीच बड़ी खबर यह है कि भारत और चीन मिलकर रूस में सैन्य अभ्यास करने वाले हैं. चीन ने बुधवार को कहा कि उसके सैनिक रूस में इस महीने के अंत होने वाले ‘वोस्तोक 2022’ सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेंगे. इस सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना भी शिरकत कर रही है.

चीन के रक्षा मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि चीनी और रूसी सेनाओं के बीच वार्षिक सहयोग योजना और दोनों पक्षों के बीच बनी सहमति के अनुसार, ‘चाइनीज़ पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ निकट भविष्य में होने वाले सैन्य अभ्यास में भाग लेने के लिए कुछ सैनिकों को रूस भेजेगी. उसमें कहा गया है कि भारत, बेलारूस, ताजिकिस्तान, मंगोलिया और अन्य देश भी अभ्यास में हिस्सा लेंगे.

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रूस में वोस्तोक-2022 सैन्य अभ्यास में भारतीय सैनिकों की भागीदारी पर भारतीय सेना या रक्षा मंत्रालय की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है. पिछले साल, भारत ने रूस में ज़ेडएपीएडी 2021 अभ्यास में शिरकत की थी, जिसमें चीन और पाकिस्तान सहित 17 देशों ने भाग लिया था.

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रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ ने बताया कि वोस्तोक-2022 अभ्यास 30 अगस्त से पांच सितंबर तक आयोजित किया जाएगा. ‘तास’ की खबर के मुताबिक, वोस्तोक-2022 सामरिक कमान और स्टाफ अभ्यास, रूस के जनरल स्टाफ के प्रमुख वालेरी गेरासिमोव की कमान में होगा. रूसी रक्षा मंत्रालय ने पहले कहा था कि अभ्यास में हिस्सा लेने वाले बल पूर्वी क्षेत्र में सैन्य सुरक्षा बनाए रखने के उपायों का अभ्यास करेंगे.

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चीनी रक्षा मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पीएलए ने इस अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए कर्मियों को भेजा है, जिसका उद्देश्य भाग लेने वाले देशों की सेनाओं के साथ व्यावहारिक और मैत्रीपूर्ण सहयोग को गहरा करने के साथ ही इसमें हिस्सा लेने वाले पक्षों के साथ रणनीतिक समन्वय के स्तर को बढ़ाना और विभिन्न सुरक्षा खतरों से निपटने की क्षमता में वृद्धि करना है. इसमें कहा गया है कि अभ्यास का मौजूदा अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्थिति से कोई संबंध नहीं है. यह यूक्रेन में जंग और लद्दाख में गतिरोध की ओर संकेत करता है.

इनपुट- PTI

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