भारतीय सेना से जुड़ी इस खबर से दुश्मन देशों की नींद खराब हो सकती है. बताया जा रहा है कि आर्मी ने पुराने रूसी टैंकों T-72 को बाहर करने का फैसला हो चुका है. इनकी जगह पर फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल (FCRVs) ले सकते हैं. जानकारी के मुताबिक, आर्मी करीब 57 हजार करोड़ रुपये के मेगा प्रोजेक्ट का प्रपोजल सरकार को देगी. इसके तहत आर्मी में 1770 FCRVs शामिल होंगे. ये FCRVs रूस के T-72 टैंक्स को रिप्लेस करेंगे. एफसीआरवी व्हीकल्स को तीन फेज में भारतीय सेना में शामिल करने की योजना है. इनके सेना के बेड़े में शामिल होने के साथ भारतीय सेना की ताकत पहले से कहीं बढ़ जाएगी.
अब तक मिली जानकारी के मुताबिर, FRCVs को तीन फेज में इंडियन आर्मी (Indian Army) में शामिल करने की योजना तैयार की गई है. एन एफसीआरवी को लेटेस्ट टेक्नोलॉडी और मॉडर्न अपग्रेड्स के साथ तैयार किए जाने की योजना है. पहले फेज में सेना में 590 FRCVs शामिल होंगे. इनके सेना के बेड़े में शामिल होने से भारतीय सेना की ताकत में और इजाफा होगा.
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FRCVs से बढ़ेगी इंडियन आर्मी की ताकत
फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल (FRCVs) को आर्मी में शामिल करने से भारतीय सेना की क्षमता और ताकत पहले से कहीं गुना ज्यादा बढ़ जाएगी. इंडियन आर्मी के पास अभी 2400 T-72 टैंक हैं. तमिलनाडु में Avadi की हैवी व्हीकल फैक्ट्री में 1200 T-90 भीष्म टैंक को बनाया गया है. इसकी ताकत और क्षमता को लेकर सेना बहुत आश्वस्त है. चीन और पाकिस्तान जैसी चुनौतियों से निपटने में ये व्हीकल दमदार भूमिका निभा सकते हैं.
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सेना को और ताकतवर बनाने के लिए खर्च हुए 7,523 करोड़ रुपये
भारतीय सेना इस साल अपने बेड़े में कई बड़े और ताकतवर अस्त्र-शस्त्र जोड़े हैं. इसी साल 118 अर्जुन मार्क-1A टैंक भी शामिल किया जाएगा. इसकी फायर पावर, मोबिलिटी और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए इसमें 14 बड़े और 57 छोड़े अपग्रेड किए हैं. इइसमें करीब 7,523 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.
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