आतंकियों की औसत उम्र घटा दी, जैश चीफ के 3 भतीजे कर चुकी ढेर, जानें Indian Army की जांबाजी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 21, 2023, 12:40 AM IST

सांकेतिक तस्वीर

Indian Army News: भारतीय सेना के पूर्व DGMO लेफ्टिनेंट जनरल अनिल भट्ट का कहना है कि पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकी 10 साल जीते थे, अब 9 महीने.

डीएनए हिंदी: Jammu And Kashmor News- जम्मू-कश्मीर में भले ही अब भी छिटपुट आतंकी घटनाएं देखने को मिल रही हों. कई बार आतंकी कश्मीरी पंडितों के खिलाफ बड़ी घटनाओं को अंजाम देने में भी सफल रहे हों, लेकिन भारतीय सेना ने आतंकी गतिविधियों पर बड़े पैमाने पर लगाम लगाई है. यह दावा है कश्मीर घाटी में मिलिट्री ऑपरेशंस संभालने वाली चिनार कॉर्प्स के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल भट्ट (Lt Gen Anil Bhatt) का. भारतीय सेना के पूर्व DGMO जनरल भट्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पहले आतंकियों की औसत उम्र 5 से 10 साल होती थी, लेकिन अब विदेशी आतंकी अधिकतम 9 महीने और कश्मीरी घाटी का भटका हुआ युवा 6 महीने तक ही जिंदा रह पाता है. उन्होंने कहा, भारतीय सेना ने आतंकियों की औसत उम्र घटा दी है. इसका नतीजा है कि अब घाटी में पहले से कम लोग भटककर आतंकवाद की तरफ बढ़ रहे हैं.

जैश चीफ ने भेजे थे तीन भतीजे, तीनों 15 दिन से ज्यादा नहीं जीये

ANI के पॉडकास्ट इंटरव्यू में जनरल भट्ट ने शुक्रवार को कहा, घाटी में आतंकी संगठनों के लिए हालात कितने विकट हो चुके हैं, इसका अंदाजा ऐसे लगा सकते हैं कि जैश-ए-मोहम्मद (JeM) चीफ मौलाना मसूद अजहर (Maulana Masood Azhar) ने अपने तीन भतीजे यहां भेजे थे. इन तीनों को जिम्मेदारी दी गई थी घाटी में बड़े पैमाने पर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की, लेकिन तीनों ही घाटी में 15 दिन से ज्यादा नहीं जी सके. जनर भट्ट ने कहा, पहले भतीजे को त्राल एरिया (Tral) में आतंक फैलाने की जिम्मेदारी मिली थी. खुद के स्नाइपर बताने वाला और 15 साल पहले त्राल में कहर बरपा चुका होने का दावा करने वाला यह भतीजा देश में घुसने के 15 दिन के अंदर सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया. दूसरा भतीजा 10 दिन के अंदर और तीसरा भतीजा महज 3 दिन के अंदर सेना की गोली की भेंट चढ़ गया.

जनरल भट्ट की कमांड में ढेर हुए थे 247 आतंकी

जनरल भट्ट जम्मू-कश्मीर में तीन बार तैनात रहे थे. आखिरी बार वे साल 2018 में चिनार कॉर्प्स कमांडर (Chinar Corps commander) थे, जब भारतीय सेना ने उनकी अगुआई में घाटी में आतंकी नेतृत्व के खिलाफ अहम अभियान छेड़ा था. इस दौरान कश्मीर रीजन में एक्टिव सभी अहम आतंकी ग्रुप्स के मुखिया ढेर कर दिए गए थे. इस दौरान एक साल में 247 आतंकी भारतीय सेना ने मार गिराए थे. इसके बाद ही घाटी में आतंकी घटनाओं में तेजी से कमी आई थी.

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