डीएनए हिंदी: देश में जब-जब कोई भी आपदा आती है भारतीय सेना लोगों को बचाने के लिए विकट हालातों में कूद पड़ती है. इस समय अमरनाथ में हजारों श्रद्धालु फंसे हुए हैं. शुक्रवार को पवित्र गुफा के पास बादल फटने से 16 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 14 अबतक लापता है. हजारों लोगों को अबतक घटना स्थल से रेस्क्यू किया जा चुका है. अमरनाथ यात्रा मार्ग से बचाए गए श्रद्धालु अपना-अपना अनुभव बेस कैंप पहुंचने के बाद मीडिया से साझा कर रहे हैं. ये सभी लोग खुद को बचाने में भारतीय सेना और यात्रा मार्ग में तैनात अन्य सुरक्षा बलों का विशेष योगदान बता रहे हैं.
शनिवार सुबह बालटाल स्थित अमरनाथ यात्रा बेस कैंप पर पहुंचे एक बुजुर्ग दंपति ने अपने जीवित होने का पूरा श्रेय भारतीय सेना को दिया. बुजुर्ग दंपति ने बादल फटने के बाद लोगों को किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ा सब कुछ बताया. इस दौरान बुजुर्ग महिला ने बताया कि बादल फटने पर उनका दिल दहल गया. उन्होंने कहा, "दिल दहल गया हम दोनों का, जिस तरह से हम लोगों को फौजी ने बचाया है...तुरंत बोले- पहाड़ की तरफ चिपको...vएक-एक लोगों को हम लोगों को बचाया है... हम अपनी आर्मी को सलाम करते हैं..."
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रातभर जारी रहा बचाव अभियान
पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर के पास बचाव अभियान रात भर जारी रहा. इस अभियान में सुबह होने के बाद और ज्यादा तेजी आई है. पहलगाम और बालटाल दोनों ही रास्तों से यात्रा स्थगित कर मार्ग में फंसे श्रद्धालुओं को बेसकैंप पहुंचाया जा रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन को जल्दी से जल्दी पूरा करने के लिए मिलिट्री के हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. सेना के एक अधिकारी ने कहा कि पर्वतीय बचाव दल और गश्ती दल लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं. पर्वतीय तलाश दल, बचाव दल और खोजी कुत्ते को खोज व बचाव अभियान में लगाया गया है.
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15 हजार से ज्यादा किए गए रेस्क्यू
अमरनाथ में बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ के चलते मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है जबकि वहां फंसे कम से कम 15,000 तीर्थयात्रियों को यहां निचले आधार शिविर पंजतरणी स्थानांतरित किया गया है. वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि 25 घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जबकि कई लोगों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है. दिल्ली में सीमा सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने कहा, "16 शवों को बालटाल ले जाया गया है."
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इनपुट- PTI/भाषा
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