डीएनए हिंदी: भारतीय सेना (Indian Army) में गोरखा सैनिकों की भर्ती जारी रहेगी. केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा है कि लम्बे समय से भारतीय सेना (Indian Army) में गोरखा सैनिकों (Gorkha regiments) की भर्ती होती रही है और आगे भी 'अग्निपथ योजना' के तहत उनकी भर्ती जारी रखने को आशान्वित है.
भारतीय सेना में नेपाली गोरखों की भर्ती भारत, नेपाल और ब्रिटेन के बीच हुई त्रिपक्षीय संधि के तहत होती है और अब तक नेपाली गोरखा भारतीय सेना में अपनी सेवा देते आ रहे हैं. 14 जून 2022 को भारत सरकार ने 'अग्निपथ' योजना की घोषणा की थी और अब इसके तहत ही भर्ती होनी थी.
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अग्निपथ योजना को लेकर असमंजस में सरकार
अग्निपथ योजना को लेकर नेपाल सरकार असमंजस में है. इस बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'हम काफी लम्बे समय से भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की भर्ती करते रहे हैं . हम आगे भी गोरखा सैनिकों की अग्निपथ योजना के तहत भर्ती करने को लेकर आशान्वित हैं.
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14 जून को मिली थी अग्निपथ योजना को मंजूरी
14 जून को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती के लिए 'अग्निपथ' योजना को मंजूरी दी थी. इसके तहत चार साल के लिए अग्निवीर नामांकित किए जाएंगे. चार साल की कार्यावधि पूरी होने पर अग्निवीरों को एकमुश्त 'सेवा निधि' पैकेज का भुगतान किया जाएगा.
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भारत ने नेपाल सरकार से पूछा है रुख?
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक इस योजना के तहत भर्ती होने वाले 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही भारतीय सेना में नियमित किया जायेगा. काठमांडू पोस्ट की खबर के अनुसार, भारत ने इस विषय पर नेपाल सरकार से उसका रुख पूछा है.
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नेपाल क्यों है असमंजस में?
गोरखा सैनिकों की भर्ती को लेकर नेपाल असमंजस की स्थिति में है. नेपाल में भी अग्निपथ योजना को लेकर बवाल भड़का है. नेपाल सरकार ने भारत के साथ इस पूरे विवाद के सुलझने तक बुटवल में होने वाली भारतीय सेना के गोरखा जवानों की भर्ती पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. नेपाल सरकार अभी असमंजस की स्थिति में है.
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