'अगर मैं आपके घर का नाम बदल दूं, तो क्या मेरा हो जाएगा?' अरुणाचल को लेकर भारत ने चीन को लताड़ा

Written By रईश खान | Updated: Apr 01, 2024, 10:30 PM IST

विदेश मंत्री एस जयशंकर. (फोटो- PTI)

एस जयशंकर ने कहा कि अरुणाचल एक भारतीय राज्य था, है, और भविष्य में भी रहेगा. नाम बदलने से कुछ हासिल नहीं होगा. वह भारतीय राज्य पर दावा करने के चीन के कदम पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे.

चीन अपनी नापाक हरकतों से कभी बाज नहीं आएगा. ड्रैगन ने हाल ही में अपने सीमावर्ती राज्यों के विभिन्न स्थानों के 30 नाम जारी किए, जिनमें अरुणाचल प्रदेश का नाम भी शामिल था. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मुद्दे पर चीन को जमकर लताड़ लगाई है. जयशंकर ने कहा, 'अगर मैं आपके घर का नाम बदल दूं, तो क्या वह मेरा हो जाएगा? अरुणाचल प्रदेश एक भारतीय राज्य था, एक भारतीय राज्य है और भविष्य में भी रहेगा.'

एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि अरुणाचल एक भारतीय राज्य था, है, और भविष्य में भी रहेगा. गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे जयशंकर ने कहा कि नाम बदलने से कुछ हासिल नहीं होगा. अगर मैं आपके घर का नाम बदल दूं तो क्या वह मेरा हो जाएगा? नाम बदलने से कुछ हासिल नहीं होगा. वह भारतीय राज्य पर दावा करने के बीजिंग के कदम पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे.

रूस-यूक्रेन सीमा पर रूसी सेना के साथ कुछ भारतीयों को लड़ने के लिए मजबूर किए जाने के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि युद्ध क्षेत्र में दो भारतीयों की मौत के बाद भारत सरकार ने अपने रूसी समकक्ष के सामने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया है. उन्होंने यह भी कहा कि रूसी सेना में सेवा के लिए गलत तरीके से नियुक्त किए गए 23 से 24 भारतीयों को वापस लाने के प्रयास जारी हैं.

24 भारतीयों को वापस लाने की कोशिश
विदेश मंत्री ने कहा, 'अब तक दो भारतीयों की जान जा चुकी है. उनके शवों को रूस से वापस लाने में कुछ समय लगा क्योंकि यह इतना आसान नहीं था. हमने इस मुद्दे को रूस के सामने दृढ़ता से उठाया, चाहे वह मॉस्को में हमारे राजदूत हों या नई दिल्ली में रूसी राजदूत से हमारे विदेश सचिव की बैठक हो. यह पूरी तरह से गलत है. किसी भी भारतीय को कभी भी किसी अन्य देश की सेना में सेवा नहीं देनी चाहिए. अगर कोई बिचौलिया भारतीयों को भर्ती करने में शामिल है, तो उन्हें रोकने की जिम्मेदारी रूस की है. हम लगभग 23 से 24 भारतीयों को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं जो अभी भी वहां हैं.

लद्दाख में जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के इस आरोप पर कि चीन ने भारतीय क्षेत्र पर अतिक्रमण किया है. जयशंकर ने कहा कि भारतीय सेना जानती है कि ऐसी स्थितियों में क्या करना है. उन्होंने कहा कि हर किसी के अपने विचार होते हैं. देखिए, आप सभी जानते हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की किसी भी कोशिश को रोकने के लिए हमारी सेना पहले से ही वहां तैनात है. सेना जानती है कि उसे क्या करना है. (इनपुट- भाषा)

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