डीएनए हिंदी: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हाल ही में कनाडा में रहने वाले 'नामित आतंकवादी' गुरपतवंत सिंह पन्नू की संपत्तियों को जब्त किया है. अब केंद्र सरकार ने जांच एजेंसियों से कहा है कि वे विदेश में बैठे भारत में वॉन्टेड अन्य आतंकवादियों की संपत्तियों की पहचान करें. सूत्रों ने कहा कि सरकार ने एजेंसियों से अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में बसे खालिस्तानी आतंकवादियों की पहचान करने और उनकी विदेशी नागरिकता (ओसीआई) रद्द करने के संकेत दिए हैं ताकि वे भारत न सकें. बीते कुछ महीनों में कनाडा में बैठे खालिस्तानी आतंकियों की गतिविधियां सामने आने के बाद इस तरह के कदम उठाने की तैयारी हो रही है.
सूत्र ने कहा कि इस कदम से सरकार को भारत से इन आतंकवादियों के वित्त को रोकने में मदद मिलेगी और उन्हें यहां आने की अनुमति भी नहीं मिलेगी. सरकार ने अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, यूएई, पाकिस्तान और अन्य देशों में रह रहे 19 फरार खालिस्तानी आतंकवादियों की पहचान की है. इसमें यूके में परमजीत सिंह पम्मा, पाकिस्तान में वाधवा सिंह बब्बर उर्फ चाचा, यूके में कुलवंत सिंह मुथड़ा, यूएस में जेएस धालीवाल, यूके में सुखपक सिंह, यूएस में हैरियट सिंह उर्फ राणा सुंघ, यूके में सरबजीत सिंह बेनूर, यूके में ही कुलवंत सिंह उर्फ कांता, अमेरिका में हरजाप सिंह उर्फ जप्पी दिंघ, पाकिस्तान में रणजीत सिंह नीता, यूके में गुरमीत सिंह उर्फ बग्गा और गुरप्रीत सिंह उर्फ बाघी, यूएई में जैस्मीन सिंह हकीमजादा, ऑस्ट्रेलिया में गुरजंत सिंह ढिल्लों, यूरोप और कनाडा में जसबित सिंह रोडे, अमेरिका में अमरदीप सिंह पुरेवाल, कनाडा में जतिंदर सिंह ग्रेवाल, यूके में एस. हिम्मत सिंह शामिल हैं.
यह भी पढ़ें- अमेरिकी अखबार ने लिखा, 'US ने कनाडा को दिए हरदीप निज्जर की हत्या से जुड़े इनपुट'
जब्त की जाएगी संपत्ति
चर्चा है कि इन लोगों की संपत्ति UAPA की धारा 33(5) के तहत जब्त की जाएगी. इससे पहले सुरक्षा एजेंसियों ने 11 व्यक्तियों की पहचान की थी, जिनके बारे में माना जाता है कि वे गैंगस्टर और आतंकवादी दोनों थे, जो वर्तमान में कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका और पाकिस्तान में रह रहे हैं. इनमें से आठ संदिग्धों के कनाडा के भीतर से संचालित होने का संदेह है. सूची में गैंगस्टरों और आतंकवादियों के नाम शामिल हैं- हरविंदर संधू उर्फ रिंदा, माना जाता है कि वह पाकिस्तान में है, लखबीर सिंह उर्फ लांडा, सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनेके (तीन दिन पहले मारा गया), अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श दल्ला, रमनदीप सिंह उर्फ रमन जज , चरनजीत सिंह उर्फ रिंकू बिहला, सनावेर ढिल्लों और गुरपिंदर सिंह उर्फ बाबा दल्ला, सभी कनाडा में हैं.
यह भी पढ़ें- भारत के खिलाफ खालिस्तानियों की साजिश में कैसे फंसते जा रहे हैं जस्टिन ट्रूडो?
इस सूची में गौरव पटयाल लकी और अनमोल बिश्नोई जैसे गैंगस्टरों और आतंकवादियों के नाम भी शामिल हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि वे अमेरिका में हैं. सूत्र ने कहा कि सरकार की कार्रवाई से ओसीआई कार्ड के साथ विदेश में रह रहे आतंकवादियों से निपटने में मदद मिलेगी और भारत में उनकी गतिविधियों पर रोक लगेगी, ताकि वे भारत में अपने आंदोलन में शामिल होने के लिए भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए निशाना नहीं बना सकें.
यह भी पढ़ें- 'INDIA गठबंधन के नेता नीतीश को बनाएंगे PM फेस,' जानिए किसने कहा ऐसा
पन्नू के मामले में एनआईए की जांच से पता चला है कि उसका संगठन सिख्स फॉर जस्टिस, भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आतंकवादी अपराधों और गतिविधियों के लिए उकसाने के लिए साइबरस्पेस का दुरुपयोग कर रहा था. एनआईए जांच के दौरान यह भी सामने आया कि पन्नू "एसएफजे का मुख्य संचालक और नियंत्रक" था. भारत सरकार द्वारा 10 जुलाई, 2019 को अधिसूचना के माध्यम से एसएफजे को 'गैरकानूनी संघ' घोषित किया गया था. पन्नू को 1 जुलाई, 2020 को भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित किया था. वह सोशल मीडिया पर सक्रिय रूप से पंजाब स्थित गैंगस्टरों और युवाओं को खालिस्तान के स्वतंत्र राज्य के लिए लड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.