विदेश में कमाकर खूब दौलत भेज रहे भारतीय नागरिक, जानिए किन देशों से कितना आता है पैसा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Dec 19, 2022, 05:21 PM IST

Indians Working Abroad

Indian immigrants in us earnings: विदेश से भारत आने वाले पैसों में लगातार इजाफा हो रहा है. साल 2022 में भारतीयों ने 100 अरब डॉलर भेजे हैं.

डीएनए हिंदी: भारत के करोड़ों नागरिक दुनियाभर के अलग-अलग देशों में फैले हुए हैं. लाखों भारतीय नागरिक दूसरे देशों में नौकरी करते हैं. ये लोग उन देशों में जो पैसा कमाते हैं उसका एक बड़ा हिस्सा अपने देश में अपने घरवालों को भेजते हैं. जैसे-जैसे विदेश में नौकरी करने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे विदेश से आने वाला पैसा भी बढ़ता जा रहा है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भारतीयों ने दुनियाभर के देशों से कमाए 100 अरब डॉलर से ज्यादा पैसे इस साल भारत भेजे हैं. इसमें, खाड़ी देशों के साथ-साथ अमेरिका और यूरोप में रहने वाले भारतीय नागरिक भी शामिल हैं.

इससे पहले साल 2020 में भारतीय प्रवासियों ने लगभग 80 अरब डॉलर भारत भेजे थे. कोरोना महामारी के दौरान भी भारतीयों ने खूब पैसा था. भारत में विदेश से आने वाले पैसों का 30 प्रतिशत हिस्सा अरब के देशों से आता है. डॉलर की कीमतें बढ़ने की वजह से भी विदेश से भारत आने वाले पैसे की कीमत बढ़ गई है. उदाहरण के लिए जहां 1000 डॉलर भेजने पर कभी 70 हजार रुपये आते थे, वहीं अब 81 या 82 हजार रुपये मिल जाते हैं. ऐसे में प्रवासी भी पैसे बचाकर उसे घर भेजने में जुट गए हैं.

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डॉलर महंगा होने से बढ़ गया प्रवासी पैसा
सबसे ज़्यादा पैसा अमेरिका में रह रहे भारतीय भेज रहे हैं. 2021-22 में टेक कंपनियों में नौकरी कर रहे लोगों की कमाई में इजाफा हुआ तो उन लोगों ने पैसे बचाकर घर भेजे. खाड़ी देशों की तुलना में अमेरिकी डॉलर महंगा है ऐसे में अमेरिका से भेजे गए डॉलर के बदले ज्यादा पैसे भी मिल जाते हैं. 2017 के बाद से अमेरिका, यूके और सिंगापुर से आने वाले पैसे में बढ़ोतरी हुई है. पहले इसकी हिस्सेदारी 26 प्रतिशत थी जो अब बढ़कर 36 प्रतिशत हो गई है.

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हालांकि, यहां यह समझना भी जरूरी है कि इतना पैसा भारत की जीडीपी के सिर्फ 3 प्रतिशत हिस्से के बराबर है. विदेश में रहकर ज्यादा पैसा कमा पाने की सोच के चलते हर साल वीजा आवेदनों की संख्या बढ़ती जा रहा है. दूसरी तरफ, भारत के कुशल मजदूरों की मांग दुनियाभर के देशों में बढ़ी है. अमेरिका और यूरोपीय देशों में लेबर महंगी होने के कारण भारत के कामगारों को दूसरे देशों में ज्यादा पैसे कमाने का भी मौका मिलता है.

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