डीएनए हिंदी: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे आज जम्मू-कश्मीर में ‘‘इन्फैंट्री दिवस’’ की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होंगे. उल्लेखनीय है कि 26 अक्टूबर, 1947 को जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह और भारत संघ के बीच विलय पत्र पर हस्ताक्षर होने के बाद इस पूर्व राज्य का भारत में आधिकारिक तौर पर विलय हुआ था. उसके बाद भारतीय सेना 27 अक्टूबर 1947 को बडगाम हवाई अड्डे पर उतरी थी और इस दिन को ‘‘इन्फैंट्री दिवस’’ के रूप में मनाया जाता है.
इस ऐतिहासिक दिन को प्रदर्शित करने के लिए 1947 के कुछ प्रमुख दृश्यों को फिर दर्शाया जाएगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा, "रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में "इन्फैंट्री दिवस" की 75वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. इस दौरान सशस्त्र बलों के कई अन्य शीर्ष अधिकारी भी मौजूद रहेंगे."
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पाकिस्तान के आक्रमण के बाद हुआ विलय
साल के दसवें महीने की 26 तारीख देश के ऐतिहासिक और भौगोलिक स्वरूप के निर्धारण में बहुत खास है. यह उन दिनों की बात है, जब 1947 में बंटवारे की आंच अभी ठंडी भी नहीं हुई थी। हर तरफ अफरा-तफरी और अनिश्चितता का माहौल था. ऐसे में हमसाया देश आक्रामक हो उठा और बंटवारे के बाद अस्तित्व में आए पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला कर दिया.
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परिस्थितियों को देखते हुए कश्मीर के राजा हरि सिंह ने 26 अक्टूबर, 1947 को अपने राज्य को भारत में मिलाने का फैसला किया. इस आशय के समझौते पर हस्ताक्षर होते ही भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर पहुंचकर हमलावर पड़ोसी की सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. इस लड़ाई में कश्मीर का कुछ हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में चला गया. कश्मीर आज तक दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी की वजह बना हुआ है.
(भाषा)
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