डीएनए हिंदी: इंफोसिस के को - फाउंडर नंदन नीलेकणि ने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (IIT) बॉम्बे को 315 करोड़ रुपये दान किए. इस संस्थान से पास आउट होने के 50 साल पूरे होने पर उन्होंने आईआईटी बॉम्बे को इतनी बड़ी रकम दान की. जिसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए दी. ऐसे में आइए जानते हैं कि
नंदन नीलेकणि कौन हैं? उन्होंने अपनी पढ़ाई - लिखाई कहां से की है.
कर्नाटक में नंदन नीलेकणि का जन्म 2 जुलाई 1955 को हुआ था. उनकी मां का नाम दुर्गा और पिता का नाम मनोहर नीलेकणि है. अपनी शुरुआती पढ़ाई बेंगलुरु में करने के बाद उन्होंने आईआईटी मुंबई से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की. आईआईटी में पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात रोहिणी नीलेकणि से हो गई. कुछ दिनों की मुलाकात के बाद ही उन्होंने रोहिणी से शादी कर ली. नंदन नीलेकणि के पिता मैसूर मिरवा मिल्स में जनरल मैनेजर थे.
नंदन नीलेकणि ने की इंफोसिस की स्थापना
नंदन नीलेकणि ने नारायण मूर्ति के साथ मिलकर 1982 में इंफोसिस की स्थापना की थी. वह मार्च 2002 से जून 2007 तक कंपनी के मुख्य कार्यकारी और प्रबंध निर्देशक के तौर पर काम करते रहे. उन्हें कंपनी ने बाद में बोर्ड का शहर अध्यक्ष नियुक्त किया. नंदन नीलेकणि ने कई सम्मान अपने नाम किए हैं. उन्हें 2003 में फॉर्च्यून मैगजीन ने एशिया के बिजनेस मैन ऑफ द ईयर का टाइटल दिया था और 2005 में उन्हें पद्मभूषण सम्मान मिला. 2002 में टाइम मैगजीन ने नंदन नीलेकणि को 100 मोस्ट इनफ्लुएंशिएल पीपल ऑफ द ईयर में जगह दी.
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आधार कार्ड, जीएसटी और फास्ट टैग जैसी टेक्नोलॉजी में निभाई है अहम भूमिका
साल 2009 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नंदन नीलेकणि को यूआईडीएआई प्रोजेक्ट का चेयरमैन बनने के लिए आमंत्रित किया था. जिसको उन्होंने स्वीकार कर लिया. डिजिटल इंडिया को आकार देने में यूआईडीएआई को महत्वपूर्ण माना जाता है. नंदन नीलेकणि ने देश को आधार कार्ड, यूपीआई, फास्टैग, जीएसटी जैसी टेक्नोलॉजी देखकर डिजिटल इंडिया की बुनियाद रखी.
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राजनीति में भी कदम रख चुके हैं नंदन नीलेकणि
नीलेकणि 2014 में कांग्रेस के टिकट पर बेंगलुरु के साउथ सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. उन्हें भाजपा के अनंत कुमार से हार का सामना करना पड़ा था. वे 2015 से राजनीति में सक्रिय नहीं हैं.
आईआईटी बॉम्बे को दिया दान
नंदन नीलेकणि ने आईआईटी बॉम्बे से पास आउट होने के 50 साल बाद संस्थान को करोड़ों रुपए दान में दिए हैं. IIT बॉम्बे ने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया कि नीलेकणि के दान देने का उद्देश्य वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देना है. इसके साथ इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी सेक्टर में रिसर्च को प्रोत्साहित करना है. इस राशि का इस्तेमाल बेस्ट टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम को डिवेलप करने में किया जाएगा.
नीलेकणि ने कही यह बात
नंदन नीलेकणि ने कहा कि आईआईटी बॉम्बे मेरे जीवन की आधारशिला रही है. इस संस्थान के जरिए ही मैंने अपनी जिंदगी की नींव रखी है. मैं इस प्रतिष्ठित संस्थान के साथ अपने जुड़ाव के 50 साल पूरे होने का जश्न मना रहा हूं. जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले भी वह संस्थान को 85 करोड़ रुपये दान कर चुके हैं.
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