डीएनए हिंदी: भारतीय नौसेना ने लेटेस्ट स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर 'INS इम्फाल' को मंगलवार अपने बेड़े में शामिल कर लिया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में आईएनएस इंफाल को शामिल किया गया. INS Imphal एक वॉरशिप है, जो सतह से सतह तक मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस है. इसका नाम भारत के उत्तर पूर्व के एक शहर के नाम पर रखा गया है.
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि INS इम्फाल से हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ेगी. ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस ये वॉरशिप 90 डिग्री घूमकर दुश्मनों पर हमला करने में सक्षम है. हालांकि, 20 अक्टूबर 2023 को इसे भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया था. मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इम्फाल वॉरशिप ने नवंबर 2023 में लांग-रेंज सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जो नौसेना के बेड़े में शामिल किए जाने से पहले किसी स्वदेशी वॉरशिप का पहला ट्रायल था.
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पहला स्वदेशी वॉरशिप
INS इंफाल नौसेना द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए 'विशाखापत्तनम' श्रेणी के 4 विध्वंसक युद्धपोतों में से तीसरा युद्धपोत है. इसे नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है और यह सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम मझगांव डॉक लिमिटेड, मुंबई द्वारा निर्मित है. पश्चिमी नौसैन्य कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कहा कि आईएनएस इम्फाल पहला युद्धपोत है जिसका नाम पूर्वोत्तर के किसी शहर के नाम पर रखा गया है. बंदरगाह और समुद्र में व्यापक परीक्षण कार्यक्रम पूरा करने के बाद आईएनएस इंफाल को 20 अक्टूबर को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया था.
INS Imphal की क्या है इसकी खासियत?
- आईएनएस इम्फाल का वजन 7,400 टन और कुल लंबाई 163 मीटर है.
- यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों, पोत विध्वंसक मिसाइलों और टॉरपीडो से लैस है. इसमें ब्रह्मोस मिसाइल भी लगी हैं.
- इंफाल वॉरशिप में 75 फीसदी सामग्री स्वदेशी है. यह 56 किलोमीटर प्रति घंटा रफ्तार से चल सकता है.
- इसके अलावा टॉरपीडो ट्यूब, पनडुब्बी रोधी रॉकेट लॉन्चर, सुपर रैपिड गन माउंट के अलावा लड़ाकू प्रबंधन प्रणाली, एकीकृत प्लेटफार्म प्रबंधन प्रणाली, फोल्डेबल हैंगर डोर, हेलो ट्रैवर्सिंग सिस्टम और क्लोज-इन वेपन सिस्टम लगे हैं.
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