डीएनए हिंदी: राजस्थान में चुनाव से कुछ महीने पहले ही आरक्षण की मांग एक बार फिर तेज हो गई है. इस बार सैनी, माली, मौर्य और कुशवाह जातियों के लोग 12 प्रतिशत अलग आरक्षण की मांग कर रहे हैं. आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने जयपुर-आगरा नेशनल हाई यानी NH21 को जाम कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, एक किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक सड़क पर लोगों का कब्जा है. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आसपास के कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. प्रदर्शनकारियों को मनाने की कोशिशें भी जारी हैं
भरतपुर जिला प्रशासन ने अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए जिले की नदबई, वैर और भुसावर तहसील में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी है. भरतपुर के संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने कहा, 'आंदोलन जारी है. हमने वैर, नदबई और भुसावर सहित तीन तहसीलों में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है.'
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पुलिस ने बरसाए आंसू गैस के गोले
पुलिस ने बताया कि नेशनल हाइवे पर जाम से बचने के लिए सेवर चौराहे से ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया है. इन समुदायों के लोगों ने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग को लेकर शुक्रवार को जयपुर-भरतपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करने की घोषणा की थी. आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने हाइवे से जुड़े बल्लभगढ़, हलैना, वैर, अरौंदा, रमासपुर गांवों की सड़कों को सुबह से ही बंद कर दिया, ताकि आंदोलनकारी राजमार्ग तक न पहुंच सकें. हालांकि, कई लोगों ने हंगामा किया और पुलिस पर पथराव किया और पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े.
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बता दें कि माली समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अंतर्गत आता है और वह अब अलग से 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी माली समुदाय से आते हैं. जयपुर में सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के निदेशक हरिमोहन मीना की अध्यक्षता में शुक्रवार को अंबेडकर भवन स्थित निदेशालय के सभागार में सैनी, माली और कुशवाह समाज के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की गई.
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सरकारी बयान के अनुसार बैठक में सैनी समाज के प्रतिनिधियों द्वारा 12 प्रतिशत आरक्षण, अलग से लव-कुश कल्याण बोर्ड के गठन, समाज के बच्चों के लिए छात्रावास सुविधा आदि की मांग की गई. मीना ने उन्हें बताया कि उनकी पिछली मांगों में से राज्य सरकार द्वारा दो मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई करते हुए महात्मा ज्योतिबा फूले कल्याण बोर्ड का गठन किया गया और 19 अप्रैल को महात्मा ज्योतिबा फूले दिवस पर राजकीय अवकाश घोषित कर चुकी है. मीना ने प्रतिनिधियों को उनकी मांगों से उच्च स्तर को अवगत कराने के लिए आश्वस्त किया. इस समुदाय ने इससे पहले जून, 2022 में भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया था, जिसे आश्वासन के बाद शांत किया गया था.
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