डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने और निवेश लाने के लिए इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया. लखनऊ में हुए इस इवेंट नोएडा को सबसे ज्यादा निवेश मिला. नोएडा की तीनों अथॉरिटी को मिलाकर कुल निवेश का 27 प्रतिशत हिस्सा मिला. इस बार यूपी सरकार को 32 लाख 92 हजार करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव मिला है. उम्मीद जताई जा रही है कि इतने निवेश की वजह से लगभग 92 लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे.
जेवर एयरपोर्ट की वजह से यमुना अथॉरिटी के पास निवेशकों की झड़ी लगी हुई है. इसके साथ ही साथ ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और नोएडा अथॉरिटी ने भी अपनी जबरदस्त भूमिका के चलते इन्वेस्टरों को खूब लुभाया है. इसीलिए नोएडा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में इन्वेस्टरों की सबसे पहली पसंद बन गया. इस बार भी इन्वेस्टमेंट के मामले में यूपी में पहले स्थान पर नोएडा रहा है. यूपी में होने वाले कुल निवेश का करीब 27 फीसदी निवेश अकेले नोएडा में आया है.
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सिद्धार्थनगर सबसे पीछे, नोएडा सबसे आगे
नोएडा के बाद दूसरे नंबर पर आगरा और फिर लखनऊ का नंबर है. सबसे कम निवेश के मामले में सिद्धार्थनगर रहा. यहां कुल 128 कंपनियों से महज 650 करोड़ रुपये का निवेश के प्रस्ताव आया है. यह पूरे इन्वेस्टमेंट का सिर्फ 0.2 फीसदी है. समिट के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि 18,645 एमओयू साइन हो चुके हैं. इसमें नोएडा और आगरा जैसे शहरों की बदौलत सबसे ज्यादा निवेशक पश्चिमी यूपी के लिए मिले हैं. कुल निवेश का 45 फीसदी वहां पर आएगा.
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रिलायंस ग्रुप यूपी में 75 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने जा रहा है. इसके अलावा, यूएई से 21622 करोड़, कनाडा और यूएसए से 21922.5 करोड़ , नीदरलैंड और फ्रांस से 10704 करोड़, जपान और दक्षिण कोरिया से 25456 करोड़, जर्मनी, बेल्जियम और स्वीडन से 176740 करोड़ रुपए, मेक्सिको, ब्राजील, अर्जेटीना से 1300 करोड़, सिंगापुर और आस्ट्रेलिया से 26120 करोड़, यूके और यूएसए से 467106.415 करोड़ रुपए का निवेश का प्रस्ताव आया है.
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