महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मात्र 20 दिन का समय बचा है. ऐसे में नेताओं के एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं. राज्य का सबसे मशहूर सिंचाई घोटाला एक बार फिर तूल पकड़ता जा रहा है. डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अजित पवार को फाइल दिखाने में गोपनीयता का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कोई भी व्यक्ति सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत आवेदन दायर कर कथित सिंचाई घोटाले में अजित पवार के खिलाफ जांच से संबंधित फाइल प्राप्त कर सकता है.
अजित पवार ने दो दिन पहले एक रैली में कहा था कि तत्कालीन गृह मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में उनके सहयोगी रहे दिवंगत आरआर पाटिल ने उनके खिलाफ जांच को मंजूरी देने वाली फाइल पर हस्ताक्षर किए थे और इस तरह उन्होंने उनके साथ विश्वासघात किया. अजित ने यह भी खुलासा किया कि देवेंद्र फडणवीस ने 2014 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें पाटिल के हस्ताक्षर वाली फाइल दिखाई थी.
अजित पावर के इस आरोप के बाद शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार दोनों पर गोपनीयता की शपथ के उल्लंघन का आरोप लगाया था. राउत आरोप पर अब देवेंद्र फडणवीस ने प्रतिक्रिय दी.
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अजित पवार के खिलाफ किसने दी जांच की मंजूरी?
फडणवीस ने कहा, ‘अजित पवार को फाइल दिखाने में गोपनीयता का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है. सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन दायर कर फाइल में उपलब्ध जानकारी प्राप्त की जा सकती है. यह भी सच है कि अजित पवार के खिलाफ जांच की मंजूरी तब दी गई थी जब कांग्रेस और (अविभाजित) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी.
कांग्रेस-एनसीपी सरकार पर सिंचाई परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे थे. उस समय अजित पवार संबंधित विभागों के मंत्री थे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समेत विपक्ष ने उनका इस्तीफा मांगा था. (PTI इनपुट के साथ)
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