डीएनए हिंदी: इशरत जहां केस (Ishrat Jahan Case) से पूरे देश में चर्चा में आए आईपीएस जीएस सिंघल समय से दो साल पहले नौकरी से रिटायरमेंट ले रहे हैं. बताया जा रहा है कि सरकार ने उनकी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति याचिका स्वीकार कर ली है और 5 अगस्त को उनके करियर का आखिरी दिन होगा. इशरत जहां एनकाउंटर की वजह से उन्हें 15 महीने के लिए जेल भी जाना पड़ा था और नौकरी से सस्पेंड कर दिया गया था. हालांकि 2015 में उन्हें दोषमुक्त करार देते हुए बरी कर दिया गया और वापस नौकरी ज्वाइन की थी. सिंघल की छवि गुजरात में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की रही है लेकिन इशरत जहां केस के बाद वह अचानक ही पूरे देश की मीडिया के लाइमलाइट में आ गए थे. वह 2006 में प्रमोट होकर आईपीएस अधिकारी बने थे.
विवादों से भरा रहा है जीएल सिंघल का करियर
जीएल सिंघल की छवि गुजरात में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की रही है लेकिन इशरत जहां एनकाउंटर की जांच के मामले में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. इसके बाद उन्हें जेल जाने के साथ 14 महीने तक सस्पेंड रहना पड़ा था 21 फरवरी 2013 में गिरफ्तारी के बाद उन्हें जनवरी, 2015 में बहाल किया गया था. 2021 में कोर्ट ने अपने फैसले में उन्हें आरोप मुक्त करते हुए कहा कि यह कार्रवाई पुलिस ड्यूटी के दायरे में रहते हुए की गई थी. गृह विभाग ने भी अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि उनके खिलाफ अब कोई आरोप और जांच नहीं चल रही है.
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इशरत जहां एनकाउंटर में नाम आने के बाद सिंघल के बारे में दबे-छुपे लहजे में कहा जाता था कि उनकी करीबी एक खास पार्टी से है. हालांकि 2015 में जब उन्हें वापस बहाल किया गया था तब उन्होंने कहा था कि अपनी सच्चाई को साबित करने के लिए उन्हें काफी कुछ खोना पड़ा है. उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी कार्रवाई विभाग के नियमों के मुताबिक और बिना किसी दबाव के थी.
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निजी कारणों से ले रहे हैं रिटायरमेंट
जीएल सिंघल ने एक अंग्रेजी मीडिया से बात करते हुए रिटायरमेंट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि 3 महीने पहले मेरे ससुर का निधन हो गया है. मेरे ऊपर अब अतिरिक्त पारिवारिक जिम्मेदारियां हैं. रिटायरमेंट के बाद उन्हें पूरा कर सकूंगा. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि सिंघल सर्विस से रिटायर होने के बाद मेंटल हेल्थ और आत्महत्या रोकने जैसे मुद्दों पर काम करना चाहते हैं और इसके लिए एक एनजीओ खोलने की तैयारी में हैं.
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