डीएनए हिंदी: पुणे के आईएसआईएस मॉड्यूल का पूरा कच्चा चिट्ठा एनआईए ने अपनी चार्जशीट में खोला है. यूएपीए के तहत गिरफ्तार किए गए 7 आतंकियों ने भारत को दहलाने के लिए पूरी साजिश रची थी. चार्जशीट में कहा गया है कि आतंकी हमले के लिए महाराष्ट्र, गोवा, केरला और कर्नाटक की रेकी की थी. इसके अलावा, भारी पैमाने पर बम और विस्फोटक तैयार किया जा रहा था. आतंकियों ने अपने इस मिशन का नाम काफिरों से बदला लेने बनाया था. आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने जंगल और सुनसान जगहों पर अपना ट्रेनिंग सेंटर बनाया था और यहां आईईडी बना रहे थे. बम और विस्फोटक के लिए इस्तेमाल होने वाली सामग्री का जिक्र कोडवर्ड्स में करते थे.
एनआईए ने अपनी चार्जशीट में पुणे आईएसआईएस (ISIS) मॉड्यूल का भांडाफोड़ किया है. नामी कंपनियों में लाखों की सैलरी उठाने वाले इन आतंकियों ने बम बनाने वाले मैटेरियल को कोड नेम 'शिरका' 'शरबत' और 'रोज वाटर' दिया हुआ था. इसके अलावा, सुनसान जगहों और जंगलों में इन्होंने अपने ट्रेनिंग कैंप बनाए थे और रात को वहां अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए काम करते थे जबकि दिन में अपने दफ्तरों में नौकरी किया करते थे. यह सब इसलिए किया गया था ताकि किसी को शक न हो.
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पढ़े-लिखे और तकनीक के जानकार थे आतंकी
एनआईए की चार्जशीट के मुताबिक, गिरफ्तार आतंकी काफी पढ़े-लिखे हैं और इन्हें तकनीक की अच्छी जानकारी थी. इन आतंकियों ने वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी के लिए ड्रोन खरीदा था और खुद इस्तेमाल कर ट्रायल भी लिया था. आरोपी जुल्फिकार एक मल्टीनेशनल आईटी कंपनी में सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर काम कर रहा था और उसका 31 लाख का सालाना पैकेज था. आरोपी शाहनवाज माइनिंग इंजिनियर था और उसे विस्फोटकों की पूरी जानकारी थी. गिरफ्तार आरोपी कादिर पठान ग्राफिक्स डिजाइनर के तौर काम कर रहा था. आईईडी और विस्फोटक बनाने के लिए इन लोगों ने रोजमर्रा की चीजों का इस्तेमाल किया है, जिसे देखकर जांच टीम भी हैरान है.
लोगों को कट्टर बनाने के लिए चला रहे थे मिशन
एनआईए ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि गिरफ्तार आतंकियों ने पुणे के जंगलों के पास अपना ट्रेनिंग कैंप बनाया था. शहर के अलग-अलग इलाकों में किराए के मकान पर रहते थे और लोगों को खास तौर पर युवाओं को कट्टर बनाने के लिए (रैडिकलाइज करने) काम कर रहे थे. इनमें से कुछ आतंकियों ने अफगानिस्तान में आतंकी हमले को अंजाम भी दिया था. आईईडी बनाने के अलावा ये लोग उसका ट्रायल भी कर चुके थे. इन आतंकियों को विदेशों से टेरर फंडिंग भी मिल रही थी.
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