डीएनए हिंदी: भारतीय स्पेस एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज अपना GSLV F12 मिशन लॉन्च किया है. इस मिशन में नैविगेशन सैटेलाइट NVS-01 को भेजा गया है. NVS-01 भारत के नाविक (NavIC) सैटेलाइट सीरीज का पहला सैटेलाइट है. इसरो ने यह लॉन्च श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से किया.
इसरो ने GSLV F12 रॉकेट के जरिए इस सैटेलाइट को लॉन्च पैड नंबर 2 से लॉन्च किया. लॉन्च के बाद इसरो चीफ डॉ. एस सोमनाथ ने कहा, 'हम सात पुराने NavIC सैटेलाइट के सहारे काम चला रहे थे लेकिन उनमें से भी सिर्फ 4 ही काम कर रहे हैं. तीन खराब हो चुके हैं. अगर हम इन तीनों को बदलते तो बाकी के चार भी खराब हो जाते इसलिए हमने 5 नेक्स्ट जेनेरेशन NavIC सैटेलाइट NVS छोड़ने का फैसला किया.'
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क्यों खास है NVS-01?
नैविगेशन सिस्टम के लिए बनाए गए इस सेटैलाइट में एक परमाणु घड़ी यानी रूबीडियम एटॉमिक क्लॉक भी लगाई गई है. यह घड़ी सटीक और बेहतर लोकेशन, टाइमिंग और पोजीशन बताने में सक्षम है. बहुत कम ही देश ऐसे हैं जिनके पास यह घड़ी मौजूद है. इसे अहमदाबाद के स्पेस ऐप्लिकेशन सेंटर ने बनाया है. इसरो के मुताबिक, NVS 01 अब से 12 साल तक काम करता रहेगा.
यह सैटेलाइट मोबाइल में लोकेशन सर्विस, IoT, स्ट्रैटेजिक लोकेशनिंग, सरकारी एजेंसियों के लिए टाइमिंग सर्विस, सैटेलाइट ऑर्बिट की खोज, फ्लीट मैनेजमेंट, इमरजेंसी सर्विस, जियोडेटिक सर्वे और जमीनी, हवाई और समुद्री नैविगेशन का काम करेगा.
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