डीएनए हिंदी: चंद्रयान-3, सूर्ययान और तमाम अन्य सफल लॉन्च के बाद भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO के सितारे बुलंद हैं. अब इसरो अगले साल एक यूरोपियन स्पेसक्राफ्ट बिकिनी (BIKINI) को लॉन्च करने जा रहा है. यूरोप की स्टार्टअप कंपनी 'द एक्सप्लोरेशन' की ओर से बनाया गया यह स्पेसक्राफ्ट रीयूजेबल री-एंट्री मॉड्यूल निक्स का छोटा वर्जन है. इस लॉन्च के बाद यह कंपनी कई स्टडी करेगी जिसके बाद ही स्पेसक्राफ्ट के असली वर्जन को तैयार किया जाएगा. ISRO के लिए यह बड़ा मौका है क्योंकि दुनियाभर में उसकी लॉन्चिंग क्षमता बढ़ रही है और उसके साथ नए-नए ग्राहक जुड़ रहे हैं.
इसरो इस स्पेसक्राफ्ट को ताकतवर रॉकेट PSLV से लॉन्च किया जाएगा. यह रॉकेट इसे 500 किलोमीटर की ऊंचाई तक ले जाएगा और वहीं इसे छोड़ देगा. इसके बाद बिकिनी स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी की ओर लौटेगा. कंपनी द एक्सप्लोरेशन उसकी री-एंट्री को लेकर कई स्टडी और जांच-पड़ताल की जाएगी. सिर्फ 40 किलोग्राम वजन का यह हल्का वर्जन समुद्र में गिरेगा.
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डिलीवरी के बाद लौट आने की है तैयारी
दरअसल, 'द एक्सप्लोरेशन' का मकसद है कि वह अपने इसी स्पेसक्राफ्ट की मदद से अंतरिक्ष में डिलीवरी कर सके. कंपनी के मुताबिक, अगर बिकिनी की री-एंट्री सफल होती है तो इससे कमर्शियल उड़ानों की नई दुनिया का दरवाजा खुलेगा और अंतरिक्ष में किसी भी सामान की डिलीवरी सस्ते में की जा सकेगी और यह स्पेसक्राफ्ट डिलीवरी करके वापस आ सकेगा.
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इससे पहले यह कॉन्ट्रैक्ट यूरोप की एक कंपनी को मिला था लेकिन एरियन 5 रॉकेट बनाने में हुई देरी के चलते भारत की न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड ने यह डील हथिया ली. इस लॉन्च से मिलने वाले डेटा के आधार पर री-एंट्री की टेक्नोलॉजी विकसित की जाएगी.
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