डीएनए हिंदी: स्पेस साइंस की दुनिया में लगातार झंडे गाड़ रहे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने एक और मिशन की तैयारी कर ली है. चंद्रयान-3 और आदित्य L1 मिशन की सफलता से उत्साहित इसरो अगले साल गगनयान भेजने वाला है. इसमें भारत अपना पहला मानव युक्त मिशन भेजेगा. इसी के साथ इसरो मंगलयान-2 की भी तैयारी कर रहा है. इससे पहले, इसरो ने साल 2014 में मंगलयान 1 मिशन को सफलतापूर्वक भेजा था. भारत का यह पहला मिशन था जो किसी दूसरे ग्रह पर भेजा गया था. इसी दिशा में अब इसरो अपना मार्स ऑर्बिटर मिशन 2 लॉन्च करेगा.
यह MOM 2 मिशन मंगल ग्रह के उन रहस्यों को सुलझाने की कोशिश करेगा जिनके बारे में अभी तक NASA भी नहीं पता लगा पाया है. माना जा रहा है कि 2024 के आखिर तक इस मिशन को लॉन्च किया जा सकता है. कुछ दिनों पहले ही इसरो के अधिकारियों की ओर से इसकी पुष्टि की गई थी. बता दें कि मंगलयान 1 को PSLV से लॉन्च किया गया था और यह सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा तक गया था.
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मंगलयान 2 में क्या-क्या जाएगा?
2014 में भारत मंगल ग्रह की कक्षा तक पहुंचने वाला दुनिया का चौथा देश बना था. अब मंगलयान 2 के जरिए भारत मंगल ग्रह के ऑर्बिट से ही उसके वातावरण का अध्ययन करेगा. इस मिशन के साथ कुल चार पेलोड भेजे जाएंगे. इसमें, एक कैमरा, इलेक्ट्रिक फील्ड एक्सपेरिमेंट के लिए LPEX, रेडियो ऑकल्टेशन, एनर्जेटिक आयन स्पेक्ट्रोमीटर (EIS) और मार्स ऑर्बिट डस्ट एक्सपेरिटमेंट (MODEX) होंगे.
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इन चारों की मदद से मंगल की सतह पर उड़ने वाले धूल, चुंबकीय या गुरुत्वाकर्षण बल, वायुमंडल और इलेक्ट्रिक फील्ड की जानकारी जुटाई जाएगी. इसके अलावा, HD कैमरे के जरिए हाई क्वालिटी तस्वीरें भी इसरो तक पहुंचेंगीं. बता दें कि 2013 में NASA की ओर से भेजा गया Maven मिशन अभी तक काम कर रहा है और यह 2030 तक जारी रहेगा. इसे मंगल ग्रह पर मौजूद एक रोवर से भी कनेक्ट किया गया है.
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