डीएनए हिंदी: आज के वक्त में डिजिटल माध्यम का डाटा लोगों के लिए अहम होता है क्योंकि एक दुरुपयोग लोगों को नुकसान पहुंचा सकता है. इस डाटा को आधार बनाकर मार्केटिंग से लेकर अन्य बिजनेस तक फलते फूलते हैं. यही कारण है कि मोदी सरकार अब डाटा प्रोटेक्शन पर अब ज्यादा ध्यान दे रही है. केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) में मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने कहा है कि केंद्र सरकार प्रस्तावित डेटा संरक्षण कानून (Data Protection Act) के तहत नागरिकों की निजता का उल्लंघन नहीं कर सकेगी.
मोदी सरकार में राज्यमंत्री के पद पर नियुक्त मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया है कि ऐसा नहीं होगा कि कभी भी सरकार लोगों के डाटा का इस्तेमाल कर सकेगी. उन्होंने बताया कि जनता के डाटा पर सरकार की पहुंच किसी आपातकालीन स्थिति में ही होगी.
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कब एक्सेस कर सकेगी सरकार
राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि केंद्र या किसी भी राज्य की सरकार सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा, महामारी और प्राकृतिक आपदा जैसी विषण परिस्थितियों में ही नागरिकों के व्यक्तिगत डाटा तक पहुंच सकती है और इसके लिए भी सरकार को मशक्कत करनी होगी क्योंकि डाटा एक्सेस करने के दौरान भी नागरिकों की निजता का पूरा ध्यान रखा जाएगा.
कब डाटा इस्तेमाल करेगी सरकार
मोदी सरकार का पक्ष रखते हुए मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, "हम कहते हैं कि सरकार इस कानून के जरिए नागरिकों की गोपनीयता का अनिवार्य रूप से उल्लंघन करना चाहती है. क्या यह संभव है? यह सवाल है. जवाब नहीं है. बिल और कानून बहुत स्पष्ट शब्दों में बताते हैं कि वे कौन सी असाधारण परिस्थितियां हैं जिनके तहत सरकार के पास भारतीय नागरिकों के व्यक्तिगत डाटा तक पहुंच हो सकती है."
डाटा के इस्तेमाल को लेकर उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय सुरक्षा, महामारी, स्वास्थ्य देखभाल, प्राकृतिक आपदा. ये अपवाद हैं. जैसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पूर्ण नहीं है और उचित प्रतिबंध के अधीन है, वैसे ही डाटा सुरक्षा का अधिकार भी है."
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कैसे कम करेगा सिस्टम
केंद्रीय राज्यमंत्री ने बताया है कि राष्ट्रीय डाटा संचालन में गोपनीय गुमनाम डाटा से निपटने के प्रावधान हैं जबकि डीपीडीपी बिल का दायरा केवल व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा तक सीमित है. उन्होंने बताया है कि समूचे गैर-व्यक्तिगत और गोपनीय डेटा क्षेत्र के लिए हमारे पास राष्ट्रीय डेटा संचालन रूपरेखा नीति है. डीपीडीपी विधेयक का दायरा व्यक्तिगत डेटा संरक्षण तक सीमित है. उन्होंने कहा है कि डाटा की सुरक्षा को लेकर जो भ्रम फैलाया जा रहा है वह बेबुनियाद है.
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