उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिल्ली के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में पीजी बैच के 'इंडक्शन' में स्टूडेंट्स से आग्रह किया उन्होंने कहा कि "वह सिविल सर्विस की नौकरियों के मोह से बाहर निकलें और अन्य क्षेत्रों की तरफ रूख करें. सिविल सेवा के इलावा भी कई ऐसे क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर आकर्षक मौके हैं."
उन्होंने आगे कहा कि "युवाओं को उन क्षेत्रों में प्रयास करने चाहिए जहां पर सफलता की कई गुना ज्यादा संभावना हो. उन्होंने आए दिन छप रहे सामाचार पत्रों में कोचिंग सेंटरों के विज्ञापनों की ओर इशारा करने उन्हें ये बात रखी, रोज अखबार में छप रहें विज्ञापनों को देखकर युवाओं का सिविल सेवा के प्रति मोह पता चलता है.
उपराष्ट्रपति ने इस पर चिंता भी जताई है. उन्होंने कहा, '... अब, मुझे समाचार पत्रों में कुल मिलाकर कोचिंग सेंटर के विज्ञापनों की भरमार मिलती है ... पेज एक, पेज दो, पेज तीन... उन लड़कों और लड़कियों के चेहरों से भरे हुए रहते हैं जिन्होंने सफलता हासिल की होती है. एक ही चेहरे का उपयोग कई संस्थानों द्वारा किया जा रहा है.'
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धनखड़ ने कहा, 'इन विज्ञापनों की भरमार को देखें... लागत और एक-एक पैसा उन युवा लड़कों और लड़कियों के पास से आया है जो अपने लिए भविष्य सुरक्षित करने की कोशिश में हैं.' उपराष्ट्रपति ने युवाओं से कहा कि वे अन्य क्षेत्रों में भी अवसरों की तलाश करें. उन्होंने कहा, 'समय आ गया है, आइए, हम सिविल सेवा की नौकरियों के मोह से बाहर आएं.
उन्होंने आगे कहा कि "हम जानते हैं कि अवसर सीमित हैं, हमें दूसरी आरे भी देखना होगा और यह खोजना होगा कि अवसरों के विशाल परिदृश्य कहीं अधिक आकर्षक हैं जो आपको बड़े पैमाने पर (राष्ट्र के लिए) योगदान करने में सक्षम बनाते हैं."
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