डीएनए हिंदीः वेकैंया नायडू (M. Venkaiah Naidu) का उपराष्ट्रपति पद पर कार्यकाल खत्म हो गया है. जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) आज दोपहर 12.30 उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. जगदीप धनखड़ देश के 14वें उपराष्ट्रपति होंगे. राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जाएगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति को पद की शपथ दिलाएंगी. बता दें कि 6 अगस्त को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ की शानदार जीत हुई थी. उन्होंने कुल 528 वोट मिले थे जबकि विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले.
कौन हैं जगदीप धनखड़?
देश के नए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान झुंझुनू जिले के किठाना गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम गोकल चंद और माता का नाम केसरी देवी है. उनकी शुरुआती पढ़ाई किठाना गांव में ही हुई है. उन्होंने गांव के ही प्राइमरी स्कूल में शिक्षा ली थी. इसके बाद रायपुर के महाराजा कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की थी. उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई भी की है.
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जगदीप धनखड़ को पहली बार साल 1979 में राजस्थान बार काउंसिल में अधिवक्ता के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराया था. राजस्थान हाई कोर्ट ने उन्हें 1990 को सीनियर एडवोकेट के तौर पर नामित किया था. राज्यपाल पद संभालने से पहले तक वह राजस्थान हाई कोर्ट के सीनियर मोस्ट काउंसिल थे.
कैसा रहा धनखड़ का सियासी सफर?
नए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के राजनीतिक सफर की बात करें तो जनता दल के जमाने से राजनीति में हैं. वह साल 1989 में झुंझनुं से सांसद बने थे. वह 1989 से 1991 तक वीपी सिंह और चंद्रशेखर सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे थे. वह कांग्रेस में भी रह चुके हैं. 2003 में वह बीजेपी में शामिल हो गए. 30 जुलाई 2019 को उन्होंने बंगाल के 28वें राज्यपाल का पद संभाला था.
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ममता से रही तल्खी, पीएम मोदी के करीबी
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के तौर पर जगदीप धनखड़ का रुख ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ रहा. विधानसभा में भी दोनों नेताओं के बीच तल्खी साफ नजर आती रही. ममता बनर्जी भी उन पर संवैधानिक पद के दुरुपयोग का आरोप लगाती रही हैं. जगदीप धनखड़ ममता बनर्जी सरकार के आलोचकों में से एक हैं. वह राज्य की राजनीतिक अस्थिरता के लिए तृणमूल कांग्रेस सरकार को दोष देते रहे हैं. वह राज्य में भड़की हिंसा के लिए भी टीएमसी को ही जिम्मेदार ठहराते रहे हैं.
ममता बनर्जी और जगदीप धनखड़ के बीच राजनीतिक तल्खियां इस कदर बढ़ गईं थीं कि उन्हें हटाने की मांग को लेकर TMC प्रतिनिधिमंडल ने तत्कालीन राष्ट्रपति से मुलाकात की थी. इन सब के बीच जगदीप धनखड़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के करीबी नेताओं में शुमार रहे हैं. यही कारण है कि उन्होंने जगदीप धनखड़ को ऐसे राज्य का राज्यपाल बनाया जहां बीजेपी की बड़ी राजनीतिक महत्वकांक्षाएं हैं.
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