राजस्थान में लोकसभा चुनाव में इस बार जयपुर ग्रामीण सीट काफी चर्चा में है. जयपुर ग्रामीण सीट पर इससे पहले राज्यवर्धन सिंह राठौड़ सांसद रहे हैं. राठौड़ अब राजस्थान सरकार में मंत्री हैं. मोदी सरकार के पहले मंत्रीमंडल में भी वह मंत्री रहे थे. इस बार कांग्रेस ने यहां से सचिन पायलट के करीबी अनिल चोपड़ा को टिकट दिया है. बीजेपी ने इस बार जयपुर ग्रामीण से राव राजेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया है. राजस्थान में पिछले 2 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 25 में से 25 सीटें जीती हैं. इस बार यहां से कांटे की टक्कर होना तय है.
चुनाव हारने वाले पर बीजेपी ने क्यों जताया भरोसा
राव राजेंद्र सिंह को पार्टी ने साल 2009 में भी यहां से उम्मीदवार बनाया था लेकिन वह चुनाव नहीं जीत पाए. वह लगातार 3 बार जयपुर ग्रामीण में आने वाली शाहपुरा सीट से विधायक रहे थे, लेकिन 2018 में चुनाव हार गए. 2023 में जब उन्हें शाहपुरा से टिकट नहीं मिला, तो माना गया था कि अब उन्हें शायद ही टिकट मिले. हालांकि, पार्टी हाई कमान ने चौंकाते हुए उन्हें लोकसभा का टिकट दिया है. सिंह को पार्टी का अनुशासित कार्यकर्ता माना जाता है. इसके अलावा, वह संघ के भी करीबी हैं.
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सचिन पायलट के करीबी पर कांग्रेस ने जताया भरोसा
कांग्रेस ने इस हाई प्रोफाइल सीट से सचिन पायलट के करीबी अनिल चोपड़ा को मौका दिया है. चोपड़ा छात्र राजनीति से आए हैं और वह लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं. उन्हें पार्टी का ऊर्जावान युवा नेता माना जाता है. वह राजस्थान में पायलट गुट के हैं और उन्हें भविष्य के बड़े कांग्रेसी नेताओं में शुमार किया जा रहा है. उनके लिए टिकट की सिफारिश खुद सचिन पायलट ने की है. अब देखना है कि इस सीट पर बीजेपी जीत की हैट्रिक लगाती है या इस बार उलटफेर होता है.
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