Jal Jeevan Mission: आधे ग्रामीण भारत में पहुंचा नल से जल! UP से आगे बिहार, जानिए अपने राज्य का हाल

अभिषेक सांख्यायन | Updated:May 30, 2022, 11:24 PM IST

जल जीवन मिशन

Jal Jeevan Mission: 15 अगस्त 2019 को लाल किले से पीएम नरेन्द्र मोदी ने जल जीवन मिशन की शुरुआत की घोषणा की थी.

डीएनए हिंदी: जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत देश की 50 फीसदी ग्रामीण आबादी तक नल द्वारा जल पहुंच गया है. मगर अभी भी कई राज्यों की स्थिति संतोषजनक नहीं है, जहां एक ओर बिहार ने चौंकाया है वहीं यूपी का प्रदर्शन बहुत खराब रहा है. आइए देखते हैं इस भागीरथ प्रयास में आपका राज्य ने कैसा प्रदर्शन किया? 

50 फीसदी ग्रामीण घरों में पहुंचा नल से जल  

15 अगस्त 2019 को लाल किले से पीएम नरेन्द्र मोदी ने जल जीवन मिशन की शुरुआत की घोषणा की थी. जिसके तहत हर ग्रामीण घर को नल द्वारा पीने का साफ जल प्रदान किया जाना था. इस योजना के शुरुआत के वक्त केवल 17 प्रतिशत आबादी यानि 3.23 करोड़ घरों में ही नल द्वारा जल पहुंच रहा था. आज 1018 दिन के बाद देश के 9.6 करोड़ ग्रामीण घरों  यानी 50 फीसदी आबादी तक नलजल पहुंच गया है.इस योजना की मदद से 33 फीसदी और ग्रामीण घरों में पानी पहुंच गया है.  

नल से जल और बेटियों की पढ़ाई  

मंत्रालय ने ये भी बताया कि ग्रामीण अचंलों में घरेलू जरूरतों के लिए पानी की व्यवस्था का बोझ ज्यादातर महिलाओं और युवा लड़कियों पर पड़ता है.  और यह देखा गया कि गर्मियों में पानी की बढ़ती जरूरत के कारण इस समय बेटियों की स्कूल में उपस्थिति काफी कम हो जाती थी. मंत्रालय ने इस मामले में जल जीवन मिशन के बाद काफी सुधार होने का दावा किया गया है. अब देश के 1,51,171 गांव "हर घर जल" बन गए हैं. 

शत प्रतिशत ग्रामीण घरों में जल 

इस योजना के बाद देश के 6 राज्य और केन्द्र शाषित प्रदेशों के गांव के हर घर जल पहुंच गया है. इनमें गोवा, तेलंगाना,अंडमान निकोबार , पुडुचेरी, दादरा नगर हवेली दमन और दीव और हरियाणा शामिल हैं.  वहीं पंजाब (99 %), गुजरात (95.56%),  हिमाचल प्रदेश (92.35%) और बिहार(92.72%)  भी इस योजना से 100 प्रतिशत ‘हर घर जल’ वाले राज्य बनने की ओर अग्रसर हैं.  

इन राज्यों में 4 में से सिर्फ एक ग्रामीण घर में नल से जल

इस योजना से कई राज्यों ने जहां शत प्रतिशत ग्रामीण घरों में जल पहुंचाया. वहीं कुछ राज्य है जहां पर 25 फीसदी ग्रामीण आबादी तक अभी नल जल की सुविधा उपलब्ध नहीं है. इन राज्यों में उत्तर प्रदेश (13.74 %) सबसे खराब है. वहीं  झारखंड (20 %), छत्तीसगढ़ (23.24%) और राजस्थान (24.56) की प्रगति भी संतोषजनक नहीं कही जा सकती.  

दक्षिण भारत के राज्य अभी पीछे  

स्वास्थ्य के साथ कई अन्य मानव विकास के मानकों पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले दक्षिण भारत के राज्यों में ग्रामीण घरों में जल की आपूर्ति की स्थिति कमोबेश खराब रही है. इस योजना की मदद से  तेलंगाना ने शत प्रतिशत ग्रामीण घरों को नल जल द्वारा जोड़ दिया. वहीं बाकी दक्षिण भारत के राज्य आंध्र प्रदेश (58.29 %), कर्नाटक, (50.90 %) , तमिलनाडू (43.98 %), केरल (40.95 %) में ही अब तक नल से जल पहुंच पाया है.  

विपक्ष शासित ये राज्य नहीं ले पाए योजना का लाभ, यूपी भी रहा पीछे  

इस योजना के लाभ लेकर गावों के हर घर जल पहुंचाने के इस महत्वाकांक्षी योजना में सबसे फिसड्डी रहे 5 राज्यों में उत्तर प्रदेश (11.78%), राजस्थान (13.45%), झारखंड (14.17 %), छतीगसढ़ (16.66%) और केरल (17.41%) का नाम आता है. इस सूची के तीन राज्यों में कांग्रेस समर्थित या कांग्रेस की सरकारें हैं. केन्द्र की कई कल्याणकारी योजनाओं के लाभ लेने में जहां उत्तर प्रदेश आगे रहता था वहां यूपी का इस सूची में सबसे नीचे होना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी अखर रहा होगा. 

 योजना का लाभ उठाने में बिहार रहा अव्वल  

वहीं अगर घरों की संख्या की बात करें तो इस योजना के तहत अब तक कुल 6.35 करोड़ ग्रामीण घरों तक नल जल पहुंचाया गया. इसमें योजना का लाभ लेने में पहले नम्बर पर बिहार रहा है जहां 1.5 करोड़ घरों तक जल पहुंचा. इसके बाद सूची में दूसरे स्थान पर  महाराष्ट्र (55 लाख) आता है. वहीं प बंगाल (39 लाख), उड़ीसा (38.9) लाख,तेलंगाना(38.3 लाख),मध्य प्रदेश (36.4) लाख, तमिलनाडू(34 लाख) उत्तरप्रदेश (31.1 लाख), कर्नाटक (25.32 लाख) और आंध्र प्रदेश(25 लाख) उन राज्यों में शामिल हैं जहां पर 25 लाख से ज्यादा ग्रामीण घरों में इस योजना की मदद से नल द्वारा जल पहुंचाया गया.

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