Lok Sabha Elections 2024: Jalpaiguri सीट पर अपनी जीत दोहराने में जुटी बीजेपी

Written By अनुराग अन्वेषी | Updated: Apr 13, 2024, 03:05 PM IST

जलपाईगुड़ी संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की 7 सीटें शामिल हैं.

Jalpaiguri LS Polls: 2019 के आम चुनाव में जलपाईगुड़ी लोकसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार डॉ. जयंत कुमार रॉय की जीत हुई थी. उन्हें कुल 760145 वोट मिले थे. इनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार बिजॉय चंद्र बर्मन रहे थे, जिन्हें इस क्षेत्र के 576141 का समर्थन मिला था.

जलपाईगुड़ी लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है. इस सीट पर 2024 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपने मौजूदा सांसद डॉ. जयंत कुमार रॉय पर भरोसा जताया है, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने निर्मल चंद्र रॉय पर दांव खेला है. सीपीआई-एम के बैनर तले इस सीट पर देबराज बर्मन भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. जलपाईगुड़ी जिले की तकरीबन 80 फीसदी आबादी में दलितों और आदिवासियों की हिस्सेदारी है. जलपाईगुड़ी संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की 7 सीटें शामिल हैं. इन सीटों में मेकलीगंज, धुपगुड़ी, मेनागुड़ी, जलपाईगुड़ी, राजगंज, सीट माल और दबग्राम-फुलबारी हैं. इस सीट के लिए 19 अप्रैल 2024 को मतदान होना है.


इसे भी पढ़ें : Lok Sabha Elections 2024: Coochbehar सीट वापस पाने की कोशिश में लगी तृणमूल कांग्रेस


2019 के आम चुनाव में जलपाईगुड़ी लोकसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार डॉ. जयंत कुमार रॉय की जीत हुई थी. उन्हें कुल 760145 वोट मिले थे. इनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार बिजॉय चंद्र बर्मन रहे थे, जिन्हें इस क्षेत्र के 576141 का समर्थन मिला था. इस तरह डॉ. जयंत कुमार रॉय ने यह चुनाव 184004 वोटों के अंतर से जीत लिया था. 2019 में जलपाईगुड़ी संसदीय क्षेत्र में कुल 1735464 मतदाता थे. इसमें महिला वोटरों की संख्या 846432 थी, जबकि पुरुष वोटर 889014 थे.


इसे भी पढ़ें : Lok Sabha Elections 2024: Arunachal West में रिजिजू लगाएंगे जीत की हैट्रिक?


जलपाईगुड़ी पश्चिम बंगाल का ऐतिहासिक और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर एक जिला है. यह उत्तर बंगाल का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. जलपाईगुड़ी लोकसभा सीट 1962 में सामने आई थी. आपातकाल के बाद इस सीट पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का कब्जा रहा है. जलपाईगुड़ी संसदीय सीट पर 1992, 1967 और 1971 में हुए आम चुनावों में कांग्रेस अपना झंडा फहराती रही. लेकिन आपातकाल के बाद देश के साथ ही जलपाईगुड़ी सीट की भी तस्वीर बदली और 1977 के चुनावों में स्वतंत्र उम्मीदवार ने जीत हासिल की.

डीएनए हिंदी का मोबाइल एप्लिकेशन Google Play Store से डाउनलोड करें.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.