जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने के बाद अभी सरकार का गठन होना बाकी है लेकिन उससे पहले ही उपराज्यपाल और चुनी हुई सरकार के बीच का विवाद बनता हुआ नजर आ रहा है. जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष रविंद्र शर्मा ने ज़ी मीडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि हमें जम्मू कश्मीर में दिल्ली और पुडुचेरी जैसे हालात बनते हुए नजर आ रहे हैं जिसमें उपराज्यपाल और प्रदेश की चुनी हुई सरकार के बीच मतभेद दिखाई पड़ते हैं.
कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष रविंद्र शर्मा बताई स्थिति
रविंद्र शर्मा ने यह बयान तब दिया है जब जम्मू कश्मीर रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट 2019 के तहत उपराज्यपाल को जम्मू कश्मीर विधानसभा के लिए पांच नॉमिनेटेड एमएलए चुनने का अधिकार दिया गया है. इस अधिकार को लेकर कांग्रेस पार्टी अब उच्चतम न्यायालय पहुंच चुकी है. जहां उच्चतम न्यायालय ने पहले हाई कोर्ट जाने के निर्देश दिए हैं. उच्चतम न्यायालय में कांग्रेस की तरफ से पेटीशनर रविंद्र शर्मा ने जी मीडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि 'हम चाहते हैं कि चुनी हुई सरकार को इन पांच नॉमिनेटेड MLAs को चुनने का अधिकार मिलना चाहिए और उपराज्यपाल सरकार से सलाह मशहोरा करने के बाद ही यह फैसला लें तो सही होगा.'
दिल्ली और पुडुचेरी की राह पर जम्मू कश्मीर?
रविंद्र शर्मा ने कहा कि 'केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर में भी दिल्ली और पुडुचेरी की तरह हालात बनाना चाहती है जहां आए दिन उपराज्यपाल और प्रदेश की चुनी हुई सरकारों के बीच विवाद और मतभेद सामने आते हैं.' रविंद्र शर्मा ने कहा कि 'हम देख रहे हैं की अभी तक विधानसभा चुनाव होने के बाद सरकार बनना बाकी है लेकिन जम्मू कश्मीर में प्रशासनिक बदलावों का दौर शुरू हो चुका है.' रविंद्र शर्मा ने आरोप लगाए कि उपराज्यपाल जल्दी में यह प्रशासनिक फेरबदल कर रहे हैं जिसकी जरूरत नहीं है और यह फेर बदल सरकार के गठन के बाद किए जाते तो सही होता. गौरतलब है कि इससे पहले आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कन्वीनर अरविंद केजरीवाल भी जम्मू कश्मीर की चुने जाने वाली सरकार को उपराज्यपाल और सरकार के बीच में होने वाले विवादों को लेकर आगाह करते हुए कह चुके हैं कि वह दिल्ली सरकार से इस पर एक्सपीरियंस ले सकते हैं.
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