जम्मू-कश्मीर के गांदरबल (Ganderbal Attack) में हुए आतंकी हमले में डॉक्टर समेत 7 लोगों की मौत हो चुकी है. भारतीय सेना इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही है. इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर ए तैयबा से जुड़े संगठन टीआरएफ (TRF) ने ली है. सोनमर्ग इलाके के गुंड इलाके में जेड-मोड सुरंग के कैंपसाइट में आतंकियों ने मजदूरों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं. मृतकों में स्थानीय और प्रवासी दोनों ही मजदूर शामिल हैं.
क्या है TRF?
गांदरबल (Jammu-Kashmir) में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन दि रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है. टीआरएफ आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की ही एक शाखा है. रिपोर्ट्स की मानें, तो इसमें अपेक्षाकृत कम उम्र के आतंकियों को ट्रेंड किया जाता है. लश्कर की ही तरह टीआरएफ का संगठन और नेटवर्क पाकिस्तान की सरजमीं से ही चलता है. टीआरएफ भी फंडिंग के लिए लश्कर के फंडिंग चैनलों पर ही निर्भर है. साल 2019 में यह संगठन अस्तित्स में आया था. गृह मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, यह लश्कर का ही मुखौटा संगठन है.
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भारतीय सेना की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, आतंकियों ने जिले के गुंड इलाके में सुरंग का निर्माण काम कराने वाली एक प्राइवेट कंपनी के कैंप में कुछ मजदूरों पर ताबड़तोड़ गोलीबारी की. इस गोलीबारी में एक डॉक्टर शाहनवाज समेत 7 और लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. 5 लोगों के घायल होने की खबर है जिन्हें पास के अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया है. आतंकी हमले की निंदा गृहमंत्री अमित शाह और प्रदेश के सीएम उमर अब्दुल्ला ने की है. सीएम ने कहा कि पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद की जाएगी.
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