डीएनए हिंदी: जम्मू-कश्मीर के रजौरी जिले के रहने वाले मोहम्मद असलम लोन इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते थक नहीं रहे हैं. वजह है उनके 'चांद के टुकड़े' की वतन वापसी. दरअसल असलम लोन का बेटा शोएब बांग्लादेश में MBBS का स्टूडेंट है. वह कुछ दिनों पहले राजधानी ढाका में एक दिन शोएब सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया था. उसे बांग्लादेश के लोकल लोगों द्वारा एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. आज शोएब को भारत वापस लाया गया है.
असलम लोन ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में बताया कि उनका बेटा शोएब लोन बरिंद मेडिकल कॉलेज ढाका में एमबीबीएस का छात्र है. कुछ दिनों पहले वह चार अन्य लोगों के साथ यात्रा करते समय एक कार दुर्घटना का शिकार हो गया. उन्होंने बताया कि वीजा और अन्य दस्तावेजों की व्यवस्थाओं में देरी होने की वजह से उनके परिवार को ढाका पहुंचने में समय लग गया.
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ढाका पहुंचने पर असलम लोन और उनके परिवार को भाषा और "उपचार की उच्च लागत" सहित समस्याओं का कई समस्याओं का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि अस्पताल में 10 दिनों तक रहने के लिए उन्होंने 12 लाख रुपये खर्च किए और "स्थिति में बहुत सुधार नहीं हुआ". असलम लोन ने कहा कि वो बहुत ज्यादा समस्या में थे.
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उन्होंने आगे बताया कि जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रविंद्र रैना एक दिन रजौरी आए थे, तब रविंद्र रैना को जानने वाले लोगों ने इस समस्या के बारे में उन्हें जानकारी दी. भाजपा नेता ने इसकी जानकारी PMO को दी.
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असलम लोन ने आगे कहा, "मैं मोदीजी का बहुत आभारी हूं. ऐसा कहा जाता है कि धन्यवाद देने से किए गए कार्य का मूल्य कम हो जाता है लेकिन मैं कृतघ्न नहीं बनना चाहता. मैं एक पैर पर खड़े होकर उन्हें प्रणाम करता हूं. अगर किसी देश में ऐसा नेता है, जैसा कि हिंदुस्तान में हमारे पास है, जहां देखभाल करने के लिए इतने अच्छे (नेता) हैं, लोगों को डरना नहीं चाहिए. मैं पीएम को एक करोड़ बार धन्यवाद कहता हूं. मैं रैनाजी और उन सभी को भी धन्यवाद देता हूं जिन्होंने हमारी मदद की."
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उन्होंने कहा कि वे "पीएम के हस्तक्षेप" के कारण एम्स ट्रॉमा सेंटर में हैं. यह पीएमओ का क्विक रिस्पॉन्स था जिसने देश के आम आदमी की मदद की.
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आपको बता दें कि शोएब को आज एयर एम्बुलेंस द्वारा भारत लाया गया और विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम के अंडर में उन्हें नई दिल्ली के एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया. बांग्लादेश में हुए सड़क हादसे की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शोएब के दो साथी पैसेंजर्स की इस दुर्घटना में मौत हो गई. यूं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टीम कई बार विदेश में फंसे भारतीय लोगों के लिए कई बार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर देशवासियों की हिफाजत को लेकर अपनी मंशा साफ तौर पर जाहिर कर चुकी है लेकिन अब शोएब को एयर एंबुलेंस के जरिए वापस भारत लाकर सरकार ने एकबार फिर देशवासियों के प्रति अपनी प्राथमिकता जाहिर कर दी है.
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