लोकसभा चुनाव के बीच बहुजन समाज पार्टी के एक फैसले ने सभी को हैरान कर दिया. बसपा ने उत्तर प्रदेश की जौनपुर सीट पर चुनाव लड़ रही धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह का टिकट अचानक काट दिया. बसपा ने उनकी जगह निवर्तमान बहुजन समाज पार्टी सांसद श्याम सिंह यादव को टिकट दिया. बसपा ने नामांकन के आखिरी दिन यह फैसला लिया, जिसके बाद जौनपुर सीट को लेकर कई तरह की चर्चा होने लगी. श्रीकला सिंह के मैदान से बाहर हो जाने पर सबसे बड़ा सवाल ये है कि इसका फायदा और नुकसान की पार्टी को उठाना पड़ेगा.
चुनाव की घोषणा से कुछ समय पहले ही धनंजय सिंह को अपहरण के एक मामले में सजा सुनाई गई थी.इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था. कुछ दिन पहले ही हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वो जेल से रिहा हुए हैं. जेल से बाहर आने के बाद धनंजय सिंह चुनावी तैयारियों में लगे. उनके जेल से बाहर आने के बाद ऐसा माना जा रहा था कि इस सीट का चुनाव दिलचस्प होने जा रहा है लेकिन नामांकन के आखिरी दिन बसपा ने श्रीकला का टिकट काटकर पूरा सियासी समीकरण बदल दिया.
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कौन हैं श्याम सिंह यादव?
श्याम सिंह यादव पीसीएस अधिकारी रह चुके हैं. रिटायर होने के बाद वह बसपा में शामिल हो गए थे. इन्होंने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई टीडी कालेज और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमएससी और एलएलबी की पढ़ाई की है. वह राइफल एसोसिएशन आफ इंडिया के कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं. बसपा के ही टिकट पर उन्होंने 2019 में जौनपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें जीत मिली थी. श्याम सिंह यादव ने भाजपा प्रत्याशी केपी सिंह को 80936 वोटों के भारी अंतर से हराया था.
बदला जौनपुर सीट का सियासी समीकरण
धनंजय सिंह की पत्नी का टिकट कटने के बाद इस सीट का मुकाबला त्रिकोणीय होने के बजाय सपा-बीजेपी के बीच हो गया है. श्रीकला के मैदान में उतरने से माना जा रहा था कि इससे बीजेपी उम्मीदवार कृपा शंकर को हो रहा था. श्रीकला के चुनाव न लड़ने का सीधा फायदा बीजेपी को मिलता नजर आ रहा है, उसके पीछे की वजह है कि अब ठाकुर वोटरों का वोट नहीं बंटेगा. इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने बाबू सिंह कुशवाह को टिकट दिया है. कुशवाहा मायावती सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. जातीय समीकरण की बात करें तो जौनपुर लोकसभा क्षेत्र में साढ़े उन्नीस लाख से ज्यादा वोटर्स हैं, जिसमें सबसे ज्यादा संख्या ब्रह्मणों की है. ब्राह्मणों की आबादी 15.72 फीसदी और राजपूतों की आबादी 13.30 फीसदी है.
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