चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न (Bharat Ratna) देने का ऐलान किए जाने के बाद यह तय हो गया है जयंत चौधरी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल होगा. खुद जयंत चौधरी ने इसकी पुष्टि भी कर दी है. शनिवार को संसद में सत्ता पक्ष की ओर बैठे जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि एक 'जमीनी सरकार' ही 'धरती पुत्र' को भारत रत्न दे सकती है. उन्होंने मोदी सरकार की योजनाओं की तारीफ करते हुए कहा कि इनमें चौधरी चरण सिंह के विचार नजर आते हैं.
चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने के फैसले पर राज्यसभा में सरकार को धन्यवाद देने के साथ ही जयंत चौधरी ने कहा कि चरण सिंह को 'भारत रत्न' देने भर से किसानों की समस्याओं और उनकी चुनौतियों का समाधान तो नहीं निकलता है लेकिन इससे आने वाले सालों में झोपड़ियों में पैदा होने वाले व्यक्ति को भी चौधरी चरण सिंह बनने, 'भारत रत्न' पा सकने और समस्याओं के समाधान का हौसला जरूर मिलेगा. उन्होंने इसे देश के किसानों व वंचित समाज को सशक्त करने वाला फैसला करार दिया.
यह भी पढ़ें- India Bloc के वे नेता जो आसान बना रहे Modi की राह, कहीं बिखर न जाए विपक्षी एकता
'मोदी की योजनाएओं में चौधरी चरण सिंह के विचारों की झलक'
जयंत चौधरी ने कहा कि मौजूदा सरकार की कार्यशैली में भी चरण सिंह के विचारों की झलक है और एक 'जमीनी सरकार' ही 'धरतीपुत्र' को भारत रत्न दे सकती है. जयंत, चौधरी चरण सिंह के पोते हैं. उनके एनडीए में शामिल होने की संभावनाओं को उस वक्त और भी बल मिला जब वह सत्तापक्ष की ओर खड़े होकर अपनी बात रख रहे थे.
उन्होंने कहा, "हम चौधरी चरण सिंह जैसी शख्सियत को किसी गठबंधन के बनने और टूटने, चुनाव लड़ने और जीतने तक सीमित रखना चाहते हैं. लेफ्ट, राइट और सेंटर में ही हम बंटे रहेंगे तो देश के असली धरतीपुत्र का हम सम्मान कैसे रख पाएंगे?"
यह भी पढ़ें- Shiv Sena MLA ने स्कूली बच्चों से कहा, 'आपके मम्मी-पापा मुझे वोट न दें, तो दो दिन खाना मत खाना'
आरएलडी के मुखिया जयंत चौधरी ने कहा, "मैं10 साल से विपक्ष में थे और आज कुछ ही देर इस ओर (सत्तापक्ष) बैठा हूं लेकिन मैंने देखा है कि 10 साल से आज जो सरकार है, उसकी कार्यशैली में भी चौधरी चरण सिंह के विचारों की झलक है. जब प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) जी ग्रामीण क्षेत्र में शौच की दुर्व्यवस्था पर प्रकाश डालते हैं, जब महिला सशक्तीकरण को भारत सरकार अपना मंच बनाती है और गांव-गांव में जागृति पैदा करती है तो मुझे उसमें चरण सिंह की बोली याद आती है."
संसद में खूब हुआ हंगामा
जयंत जब अपनी बात रख रहे थे तब कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने इस बात पर आपत्ति जताई कि उन्हें किस नियम के तहत बोलने का अवसर दिया गया. सदन में इसको लेकर खूब हंगामा भी हुआ. विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जिन भी शख्सियतों को भारत रत्न देने की घोषणा की गई है उस पर कोई विवाद नहीं है और वह सभी को सलाम करते हैं लेकिन किस नियम के अधीन जयंत चौधरी को बोलने का मौका दिया गया?
उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्य नियमों के अधीन भी मुद्दा उठाना चाहते हैं तो उन्हें चुप करा दिया जाता है. उन्होंने आसन (स्पीकर) के व्यवहार पर सवाल उठाए, जिस पर सभापति धनखड़ ने गहरी आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे उन्हें बहुत ठेस पहुंची है.
यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2024 से पहले लागू हो जाएगा देश में CAA, अमित शाह ने कर दिया ऐलान
सभापति ने सदन को बताया कि जयंत चौधरी ने सुबह उन्हें एक पत्र लिखा था कि वह चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा पर सदन में कुछ बोलना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि जयंत चौधरी चरण सिंह के पोते हैं इसलिए उन्होंने उन्हें बोलने का मौका दिया. इस मुद्दे पर सदन में कुछ देर अव्यवस्था का माहौल रहा. केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला ने आरोप लगाया कि कांग्रेस एक किसान पुत्र को भारत रत्न देने के फैसले का भी विरोध कर रही है. उन्होंने कहा, "इस देश के किसान की आवाज को रोकने वाला कोई पैदा नहीं हुआ है और ना ही पैदा होगा."
इस पर जयंत चौधरी ने कहा कि सदन की कार्रवाई के दौरान विपक्षी सदस्यों के आचरण से वह बहुत दुखी हैं. उन्होंने कहा कि राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इंदिरा गांधी जिस प्रकार की करिश्माई शख्सियत थीं और लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती थीं उसी प्रकार चौधरी चरण सिंह थे जिन्हें सुनने और छूने के लिए दूर-दूर से, गांव-गांव से लोग चले आते थे.
जयंत ने कहा कि कुछ लोग मानते हैं कि चौधरी चरण सिंह जाटों के नेता थे और सिर्फ किसानों की वकालत करते थे लेकिन ऐसा नहीं है.उन्होंने कहा कि वह एक विचारक थे.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.