दिल्ली में PM Modi ने शनिवार को नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में सत्तापक्ष के साथ-साथ बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में शामिल हुईं, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बैठक में शामिल न होना चर्चा का केंद्र बन गया है. उनकी अनुपस्तिथि में राज्य का प्रतिनिधित्व दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने किया.
लेकिन सवाल ये है कि इनती महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्यों मौजूद नहीं रहे. बैठक का हिस्सा न होने के पीछे कारण क्या है. हालांकि कि अभी तक इसका कारण पता नहीं चल पाया है, लेकिन जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने से कहा, कि " 'यह पहली बार नहीं है, जब मुख्यमंत्री नीतीश आयोग की बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे. मुख्यमंत्री पहले भी बैठक में शामिल नहीं हुए थे"
नीरज कुमार ने आगे कहा कि 'इसके अलावा, बिहार से चार केंद्रीय मंत्री भी आयोग के सदस्य हैं और वे बैठक में मौजूद रहेंगे. इस पर कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है.' वहीं बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री में ममता बनर्जी शामिल हुई थी, लेकिन जल्द ही बाहर निकल आई. उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें बैठक में बोलने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया, पांच मिनट के बाद ही उनका माइक बंद कर दिया."
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नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि "2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना हर भारतीय का सपना है. उन्होंने कहा कि राज्य इस लक्ष्य को हासिल करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि वे लोगों से सीधे जुड़े हुए हैं." गौरतलब है कि नीति आयोग कि बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल होते हैं.
इस बैठक में समूचे देश की प्रगति, नीतिगत मामलों के साथ केंद्र-राज्य के आपसी संबंधों पर भी चर्चा होती है. सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और नेता मिलकर हर वह संभव प्रयास करते हैं, जिससे हर राज्य को पर्याप्त सुविधा प्रदान की जा सके और पूरे देश का विकास हो सके.
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