डीएनए हिंदी: झांसी में कोर्ट ने 8 छात्रों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. ये सभी छात्र राजकीय पॉलिटेक्निक में पढ़ते थे और इन्होंने अक्टूबर 2020 में अपने हॉस्टल के सामने से जा रही लड़की का गैंगरेप किया था. कोर्ट ने इन लोगों पर फाइन भी लगाया है. कोर्ट ने हर दोषी पर 30 हजार रुपये का फाइन लगाया है. इस राशि में से आधी पीड़िता को दी जाएगी. शुरू से इस मामले को देख रहे विशेष लोक अभियोजक पोक्सो एक्ट विजय कुमार कुशवाहा ने बताया कि सभी आठ आरोपियों को जघन्य अपराध का दोषी पाया गया है. इन सभी पर पोक्सो एक्ट की धारा 5/6, 9/10 सहित 11 धाराओं के तहत मुकदमा चलाया गया था.
विजय कुमार कुशवाहा ने बताया कि इस जघन्य अपराध के लिए सभी आरोपियों को 'आखिरी सांस तक' उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. जिन आरोपियों को सजा सुनाई गई है उनमें महोबा के मुख्य आरोपी रोहित सैनी, महोबा के भरत कुमार और संजय कुशवाहा, झांसी के धर्मेंद्र सेन, मोनू पर्या और मयंक शिवहरे, गोंडा के शैलेंद्र नाथ पाठक और प्रयागराज के विपिन तिवारी शामिल हैं.
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बहादुर SI ने लड़की को बचाया
इस जघन्य अपराध के दौरान झांसी पुलिस के SI विक्रांत सिंह घटना स्थल के पास से निकल रहे थे. उन्हें लड़की के चिल्लाने की आवाजें सुनाई दीं. इसके बाद उन्होंने बिना कोई देर करते हुए हॉस्टल में प्रवेश किया और लड़की को बचाया. यह घटना 11 अक्टूबर 2020 को कोविड महामारी के दौरान उस समय हुई जब नाबालिग लड़की अपने दोस्त के साथ ट्यूशन जा रही थी. जैसे ही वह ग्वालियर रोड पर पॉलिटेक्निक के पास से गुजरी, हॉस्टल के इन छात्रों ने उसे अंदर खींच लिया. उस समय हॉस्टल लगभग पूरी तरह से खाली था.
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पॉलिटेक्निक के 8 छात्रों ने हॉस्टल में लड़की का रेप किया और उसकी दोस्त की पिटाई की. इस घटना ने पूरे झांसी शहर को हिला दिया था. पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए मामले में FIR दर्ज की और पॉलिटेक्निक एडमिशन फॉर्मों में छात्रों के फोटो के जरिए उनकी पहचान की. इसके बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. कोर्ट ने उन्हें बेल भी नहीं दी. पीड़िता के परिवार का कहना है कि उनकी बेटी घटना के बाद से डिप्रेशन में है. उसने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया है. हालांकि, उसने आरोपी की पहचान करते हुए और अदालत में अपना बयान देते हुए हिम्मत दिखाई.
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