Jharkhand Election 2024: चुनाव के नतीजे बदल सकती हैं संथाल और कोयलांचल की 34 सीटें, BJP और JMM के बीच कांटे की टक्कर

Written By आदित्य प्रकाश | Updated: Nov 10, 2024, 07:18 AM IST

Voters (सांकेतिक तस्वीर)

Jharkhand Election 2024: कहा जाता है कि झारखंड की सत्ता की चाबी संथाल और कोयलांचल के पास है, जो इन दोनों जगहों पर फतेह हासिल करेगा, वही राज्य में नई सरकार बनाएगा. इन दोनों इलाके में विधानसभा की कुल 34 सीटें हैं.

Jharkhand Election 2024: झारखंड में विधानसभा चुनाव में सिर्फ दो ही दिन बचे हुए हैं. इसको लेकर सभी पार्टियों की तरफ से पूरजोर तैयारियां चल रही हैं. नेताओं की ओर से लगातार रैलियों और रोड शोज का आयोजन किया जा रहा है. बीजेपी की अगुवाई में एनडीए गठबंधन अपनी पूरी ताकत लगा रहा है. वहीं जेएमएम की अगुवाई वाला इंडिया गठबंधन भी कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. जानकारों का कहना है कि झारखंड की सत्ता की चाबी संथाल और कोयलांचल के पास है, जो इन दोनों जगहों पर फतेह हासिल करेगा, वही राज्य में नई सरकार बनाएगा. इन दोनों इलाके में 34 सीटें हैं. आपको बताते चलें कि झारखंड में विधानसभा की कुल 82 सीटें हैं.

संथाल  में 18 सीटें और कोयलांचल में 16 सीटें
संथाल में विधानसभा की कुल 18 सीटें हैं. वहीं कोयलांचल में विधानसभा की 16 सीटें हैं. कोयलांचल में आने वाले शहरों की बात करें तो इनमें धनबाद, बोकारो और गिरिडीह शामिल हैं. वहीं संथाल में आने वाले शहर की बात करें तो गढ़वा, गुमला, गिरिडीह, चतरा और दुमक इनमें शामिल है. संथाल की बात करें तो 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की झोली में 7 सीटें आई थीं, उस बार राज्य में बीजेपी की सरकार बनी थी. वहीं 2019 के विधानसभा चुनाव यहां से बीजेपी का प्रदर्शन कमजोर था, और पार्टी यहां से महज 4 सीट ही जीत सकी. साथ ही राज्य में भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था. 


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हो सकता है वोटों का ध्रुवीकरण
इस बार दोनों ही गठबंधन के बीच यहां बराबर की टक्कर है. जानकारों के मुताबिक संथाल मूल रूप से जेएमएम का गढ़ रहा है, वहीं कोयलांचल में शुरू से ही बीजेपी मजबूत रही है. बाबू लाल मरांडी के वापस आने से संथाल में बीजेपी प्रदर्शन बेहतर हो सकता है, वहीं हेमंत सोरेन और शिबू सोरेन परिवार का ये गढ़ रहा है. ये बात यहां पर जेएमएम के पक्ष में जाता है. कोयलांचल में इस बार वोटों का ध्रुवीकरण होने के पूरे आसार हैं, चुनाव प्रचार में भी पार्टियों की ओर से ऐसे ही कैंपेन किए गए. 

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