Illegal mining case: सीएम सोरेन के करीबी पंकज मिश्रा पर गिरी ED की गाज, 6 दिन की हिरासत में बाहर आएंगे राज?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 20, 2022, 11:23 PM IST

पंकज मिश्रा और हेमंत सोरेन.

PMLA कोर्ट ने झारखंड के मुख्यमंत्री के करीबी पंकज मिश्रा को अवैध खनन के एक मामले में 6 दिन के लिए ED की हिरासत में भेजा है. अब उनसे ईडी के अधिकारी पूछताछ करेंगे.

डीएनए हिंदी: प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) कोर्ट ने बुधवार को झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के राजनीतिक सहयोगी पंकज मिश्रा (Pankaj Mishra) को राज्य में अवैध खनन (Illegal Mining) से जुड़े मनीलॉन्ड्रिंग के एक मामले में 6 दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में भेज दिया. 

ईडी ने मंगलवार को अपने जोनल ऑफिस में लंबी पूछताछ के बाद पंकज मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया था. ईडी ने पंकज मिश्रा को स्पेशल पीएमएलए कोर्ट के जज प्रभात कुमार शर्मा के सामने पेश किया और उनकी 14 दिन की हिरासत की मांग करते हुए कहा कि उनका रिमांड, अपराध से अर्जित आय की पूरी जानकारी और अवैध कृत्यों के जरिए जुटाए गए ऐसे धन के लाभार्थियों की पहचान जरूरी है.

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रिमांड के बाद क्या थी पंकज मिश्रा के वकील की मांग?

पंकज मिश्रा के वकील ने ईडी की अपील का विरोध करते हुए कहा कि उनका मुवक्किल एजेंसी के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है. बचाव पक्ष के वकील ने यह भी आग्रह किया कि मिश्रा को उनकी रिमांड अवधि के दौरान आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान की जाए और वकील से मिलने की अनुमति दी जाए. 

 

6 दिन में राज का हो सकता है खुलासा?

 

अदालत ने पंकज मिश्रा को मामले की निष्पक्ष और पूर्ण जांच के लिए जरूरी और उचित बताते हुए छह दिन के ईडी रिमांड पर भेजने का आदेश दिया और कहा कि आरोपी को ईडी की हिरासत में भेजने के लिए पर्याप्त कारण हैं. जज ने पंकज मिश्रा को दवा और दिन में एक बार अपने वकील से संपर्क करने की भी अनुमति दी. 

टोल प्लाजा निविदाओं में कथित अनियमितताओं और अवैध खनन से जुड़े एक मामले में झारखंड के साहिबगंज, बरहेट, राजमहल, मिर्जा चौकी और बरहरवा में कम से कम 19 स्थानों पर ईडी की छापेमारी के बाद पंकज मिश्रा और उनके कथित सहयोगियों के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच आठ जुलाई को शुरू की गई थी. 

क्या है पूरा मामला?

ईडी ने पंकज मिश्रा और अन्य के खिलाफ मार्च में पीएमएलए का मामला दर्ज करने के बाद छापेमारी शुरू की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने पक्ष में अवैध रूप से बड़ी संपत्ति हड़प ली. छापेमारी के बाद ईडी ने पंकज मिश्रा और उससे जुड़े एक व्यक्ति दाहू यादव के 37 बैंक खातों में जमा 11.88 करोड़ रुपये की राशि फ्रीज कर दी थी. 

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एजेंसी ने 5.34 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी भी जब्त की गई थी और दावा किया कि यह पैसा झारखंड में अवैध खनन से जुड़ा था. ईडी ने अवैध रूप से संचालित किए जा रहे पांच स्टोन क्रशर और अवैध बंदूक कारतूस भी जब्त किए थे. ईडी ने कहा कि जांच के दौरान एकत्र किए गए सबूतों, जिनमें विभिन्न व्यक्तियों के बयान, डिजिटल साक्ष्य और दस्तावेज शामिल हैं. उनसे पता चला है कि जब्त नकदी, बैंक में जमा राशि वन क्षेत्र सहित साहिबगंज क्षेत्र में बड़े पैमाने पर किए गए अवैध खनन से प्राप्त हुई है. (भाषा इनपुट के साथ)
 

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