Jharkhand: क्या जाएगी CM हेमंत सोरेन की कुर्सी?  लाभ का पद मामले में EC ने राज्यपाल को भेजी रिपोर्ट

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 25, 2022, 11:43 AM IST

हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है.

Hemant Soren Mine Lease Case: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ चुनाव आयोग ने राज्यपाल को रिपोर्ट सौंप दी है. राज्यपाल जल्द इस मामले में फैसला ले सकते हैं.  

डीएनए हिंदीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं. लाभ का पद मामले में चुनाव आयोग (Election Commission) ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल (Governor) को सौंप दी हैं. बीजेपी (BJP) ने उन पर खुद को एक खनन पट्टा आवंटित करने का आरोप लगाया है और एक विधायक के रूप में उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग की है. सूत्रों का कहना है कि राज्यपाल जल्द इस मामले में फैसला ले सकते हैं. 

चुनाव आयोग ने की थी सुनवाई
सोरेन की कानूनी टीम ने 12 अगस्त को निर्वाचन आयोग के समक्ष अपनी दलीलें पूरी की थीं, जिसके बाद मामले में याचिकाकर्ता बीजेपी ने जवाब दिया था. दोनों पक्षों ने 18 अगस्त को निर्वाचन आयोग को अपनी लिखित दलीलें सौंपीं थीं. झारखंड के मुख्यमंत्री की टीम ने चुनाव आयोग के समक्ष इस बात पर जोर दिया है कि चुनाव कानून के वे प्रावधान मामले में लागू नहीं होते जिनका उल्लंघन करने का आरोप उन पर लगाया गया है.  

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क्या जाएगी सोरेन की कुर्सी?
बता दें कि यह मामला राज्यपाल की ओर से ही चुनाव आयोग के पास भेजा गया था. अब चुनाव आयोग ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दी है. संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत, यदि कोई प्रश्न उठता है कि क्या किसी राज्य के विधानमंडल के सदन का कोई सदस्य किसी अयोग्यता के अधीन हो गया है, तो प्रश्न राज्यपाल को भेजा जाएगा जिसका निर्णय अंतिम होगा. इसके अनुसार ‘इस तरह के किसी भी प्रश्न पर कोई निर्णय देने से पहले, राज्यपाल निर्वाचन आयोग की राय प्राप्त करेंगे और उसकी राय के अनुसार कार्य करेंगे.’इस मामले में सोरेन के वकील का कहना है कि यह मामला लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9ए के तहत नहीं आता है, जो ‘सरकारी अनुबंधों के लिए अयोग्यता’ से संबंधित है. 

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क्या है पूरा मामला?
आरटीआई एक्टिविस्ट शिव शर्मा ने दो PIL दायर कर CBI और ED से एक माइनिंग घोटाले की जांच कराने की मांग की थी. यह मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन लीज और शेल कंपनियों में उनके और उनके करीबियों की हिस्सेदारी से जुड़ा है. इसमें आरोप लगाया गया है कि  सीएम हेमंत ने अपने पद का दुरुपयोग कर स्टोन क्यूएरी माइंस अपने नाम आवंटित करवा लीं. इस मामले की जांच सीबीआई और ED से करवाने की मांग गई थी, जबकि सोरेन परिवार पर शैल कंपनी में इन्वेस्ट कर अकूत संपत्ति अर्जित करने का मामला है. 

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