डीएनए हिंदी: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मुश्किलें बढ सकती हैं. 2021 में खुद को खनन पट्टा देकर चुनाव नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में उन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने पेश होने का निर्देश दिया है. ईडी ने 23 सितंबर को पूछताछ के लिए पेश होने के लिए कहा है. हालांकि, उन्होंने इस केस में राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मुख्यमंत्री और जेएमएम नेता ने समन वापस लेने की चेतावनी देते हुए कहा था कि वह कानूनी कार्रवाई करेंगे. सोमवार को उनके केस की सुनवाई के लिए तारीख तय की गई है.
हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर बदले की भावना से कार्रवाई का आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें लोकसभा चुनावों से पहले निशाना बनाया जा रहा है. अपनी अपील में झारखंड के सीएम ने यह भी कहा है कि वह विपक्षी गठबंधन इंडिया के सदस्य हैं और इसलिए केंद्र सरकार विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है. बता दें कि आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू भी भ्रष्टाचार केस में फिलहाल हिरासत में हैं. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सोरेन की याचिका पर सुनवाई होगी.
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केंद्र सरकार पर विपक्षी नेताओं को परेशान करने का आरोप
प्रवर्तन निदेशालय समेत दूसरी जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप हेमंत सोरेन ही नहीं कई और विपक्षी पार्टियां भी लगा रही हैं. टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी, आरजेडी प्रमुख लालू यादव भी यह आरोप लगा चुके हैं. पिछले कुछ समय में कई राजनीतिक पार्टियों और नेताओं पर भ्रष्टाचार संबंधी मामले में कार्रवाई हो रही है. पिछले दिनों ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से भी पूछताछ हुई है. टीएमएसी सांसद और एक्ट्रेस नुसरत जहां से भी पूछताछ की गई है.
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हेमंत सोरेन पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस
झारखंड के साहेबगंज जिले में अवैध खनन मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में हेमंत सोरेन आरोपी हैं. इसके अलावा, सीएम पर आरोप है कि उन्होंने अनगड़ा में अपने नाम से पत्थर खदान की लीज ली है. चुनाव आयोग को दिए शपथ पत्र में यह जानकारी छिपाई है. हेमंत सोरेन ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा है कि वह आदिवासी नेता हैं और उन्हें टार्गेट किया जा रहा है. इसके अलावा, सोरेन का यह भी कहना है कि उन्होंने ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों को जांच में सहयोग किया है और लिखित जवाब भी सौंपा है. ईडी चाहे तो वह लिखित जवाब ले सकती है.
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