झारखंड के गढ़वा जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. गढ़वा जिले के केतार थाना क्षेत्र में आई बारात में सब कुछ ठीक ही चल रहा था कि दूल्हे ने एक अजीबोगरीब शर्त रख दी. दूल्हे की शर्त ऐसी थी कि उसे स्वीकार करने को कोई तैयार नहीं हुआ. दूल्हा चाहता था कि सिंदूर दान के वक्त सभी लाइटें बुझा दी जाएं और वह अंधेरे में ही दुल्हन की मांग भरे. ना तो दूल्हे की यह शर्त स्वीकार की गई और ना ही शादी हो पाई. आखिर में दूल्हा और बारात बिना दुल्हन लिए ही वापस लौट गए.
यह घटना गढ़वा जिले के केतार थाना क्षेत्र केव एक गांव की है. बारात धुरकी थाना क्षेत्र से आई थी और दूल्हे का नाम अंजनी कुमार था. बारातियों के स्वागत, जयमाल और द्वारपूजा के बाद जब दुल्हन के सिंदूरदान की रस्म का वक्त आया तो दूल्हे ने शर्त रख दी कि वह लाइट बंद कर एकांत में यह रस्म पूरी करेगा. वर-वधू दोनों पक्ष के लोगों ने उसे समझाने की कोशिश की लेकिन वह अपनी शर्त पर अड़ा रहा.
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खाली हाथ लौट गई बारात
काफी मान-मनौव्वल और समझाने के बावजूद जब बात नहीं बनी. दूल्हे को समझाने के लिए उसकी मां, बहन और बुआ समेत तमाम रिश्तेदार भी आए. दूल्हे ने आखिर में चुप्पी साथ ली. आखिर में पंचायत बैठी और दोनों पक्षों की सहमति से शादी टाल दी गई.
दूल्हा पक्ष को 5.13 लाख रुपये दुल्हन पक्ष को देना पड़ा. इसके बाद दूल्हा और बाराती बैरंग लौट गए और शादी नहीं हो पाई.
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