झारखंड में बढ़ते धर्मांतरण पर आदिवासियों ने PM मोदी से जताई चिंता, इसके खिलाफ बिल लाने का किया अनुरोध

Written By आदित्य प्रकाश | Updated: Oct 03, 2024, 12:07 PM IST

PM Narendra Modi

पीएम मोदी के साथ मुलाकात के दौरान आदिवासी तबके के लोगों ने उनसे अपने धर्म और अपनी संस्कृति को बचाने की मांग की. साथ ही उनलोगों ने घुसपैठियों को लेकर अपनी परेशानी पीएम के सामने रखी. 

पीएम नरेंद्र मोदी गांधी जयंती के मौके पर झारखंड के हजारीबाग आए हुए थे. यहां वो परिवर्तन यात्रा में लोगों को संबोधित कर रहे थे. इस यात्रा का कल समापन समारोह था. इस दौरान पीएम मोदी की तरफ से मटवारी मैदान में एक जनसभा को भी संबोधित किया गया. पीएम अपने संबोधन से पहले आदिवासी तबके के लोगों से भेंट की. इस भेंट के दौरान आदिवासी तबके के लोगों ने उनसे अपने धर्म और अपनी संस्कृति को बचाने की मांग की. साथ ही उनलोगों ने घुसपैठियों को लेकर अपनी परेशानी पीएम के सामने रखी. 

सोमा उरांव ने बताई क्या है आदिवासियों की मांग
इस मुलाकात को लेकर आदिवासी तबके से आने वाले मुखिया सोमा उरांव ने आईएएनएस को जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आज पीएम मोदी से हम मिले और आमने-सामने से बात की. हमारी तरफ से पहले ही पीएम मोदी को स्पीड पोस्ट के द्वारा रोहतासगढ़ किला का गोद लेने का आग्रह किया था. ये किला बिहार के कैमूर में मौजूद है. हालांकि पीएम मोदी की तरफ से इसका संज्ञान लिया गया. साथ ही इसको लेकर 139 करोड़ रुपये का टेंडर भी निकाला जा चुका है. 

डिलिस्टिंग बिल को पास कराने की मांग
उन्होंने कहा कि 'पीएम मोदी से हमारी पहली मांग ये है कि डिलिस्टिंग बिल को पास कराया जाए. इस बिल को लेकर हम लंबे अरसे से आंदोलन कर रहे हैं.  ये हमारी पुरानी मांग है. स्वर्गीय कार्तिक उरांव की ओर से इसे 67 के सेशन के दौरान सदन में प्रस्तुत किया गया था. लेकिन उस समय के देश के पीएम स्वर्गीय इंदिरा गांधी की तरफ से बिल को पारित नहीं होने दिया गया. उन्होंने कहा कि विधेयक में कहा गया है कि जो जनजातियां अपनी परंपराएं और रीति-रिवाज छोड़कर ईसाई, इस्लाम या कोई अन्य धर्म अपना रही हैं, ऐसे लोगों को अनुसूचित जनजाति में शामिल नहीं किया जाना चाहिए. ऐसे लोगों को अनुसूचित जनजाति का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए. मैंने पीएम मोदी से साफ तौर पर कहा है कि वे डिलिस्टिंग बिल को पास करवाएं.'

आईएएनएस इनपुट के साथ

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