डीएनए हिंदी: झारखंड की सरायकेला कोर्ट ने तवरेज अंसारी मॉब लिंचिंग (Tabrez Ansari Lynching Case) मामले में बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सभी दोषियों को 10 साल की सजा सुनाई है. 2019 में सरायकेला के धाथकीडीह गांव में तवरेज अंसारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इस में मामले में 10 लोगों को दोषी करार दिया गया था. एडीजे-1 अमित शेखर की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. इसके साथ ही सभी दोषियों पर 15-15 हजार का जुर्माना भी लगाया है.
इससे पहले अदालत ने 27 जून को इस मामले में सुनवाई करते हुए 10 लोगों को दोषी ठहराया था. सरकारी वकील अशोक कुमार राय ने बताया कि सुनवाई को दौरान सरायकेला अदालत में 36 गवाहों की गवाही दर्ज कराई गई. उन्होंने कहा कि इनमें से एक आरोपी कौशल महाली की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी, जबकि दो आरोपियों को सूबतों के अभाव में बरी कर दिया गया.
इन दोषियों को हुई सजा
सरायकेला के एडीजे-वन अमित शेखर की कोर्ट ने जिन दोषियों को सजा सुनाई है, उनमें मुख्य आरोपी पप्पू मंडल के अलावा भीम सिंह मंडल, कमल महतो, मदन नायक, अतुल महाली, सुमंत महतो, विक्रम मंडल, चामू नायक, प्रेमचंद महाली और प्रकाश मंडल शामिल हैं. बरी किए गए आरोपियों में सत्यनारायण नायक और सुमंत प्रधान थे.
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इस घटना का वीडियो हुई था वायरल
बता दें कि 18 जून 2019 को जमशेदपुर के पास धातकीडीह में तबरेज अंसारी को चोर बताकर भीड़ ने बुरी तरह पीटा था, जिसकी बाद में पुलिस हिरासत में इलाज के दौरान मौत हो गई थी.तबरेज को खंभे से बांधकर लाठी-डंडों से पीट गया था. पिटाई के दौरान आरोपियों ने तबरेज अंसारी से 'जय श्री राम' के नारे भी लगवाए थे. पिटाई के दौरान कुछ लोगों ने घटना का वीडियो भी बनाया था. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. यह मॉब लिंचिंग केस पूरे देश में चर्चित हुआ था और इसे लेकर सियासी बहस का सिलसिला छिड़ गया था.
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