डीएनए हिंदी: तमिलनाडु के बाद अब झारखंड सरकार (Trnsgnder Reservation In Jharkhand) ने भी ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए राहत की खबर आई है. झारखंड सरकार ने इस वर्ग को आरक्षण देने का फैसला किया है. प्रदेश की हेमंत सोरेन सरकार ने इस फैसले का ऐलान किया. इन्हें थर्ड जेंडर (Third Gender) घोषित करने के साथ सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने का फैसला किया गया है. इसके अलावा इस समुदाय को शिक्षण संस्थानों में भी आरक्षण मिलेगा. साथ ही, सरकार ने ऐलान किया है कि यह आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) वर्ग के कोटे के तहत दिया जाएगा. झारखंड में पिछड़ा वर्ग को 14 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है. इस समुदाय के जिन लोगों को पहले से ही एससी या एसटी कोटे के तहत आरक्षण मिल रहा है उन्हें वह लाभ आगे भी मिलेगा.
ट्रांसजेंडर्स को आरक्षण और पेंशन मिलेगी
सीएम हेमंत सोरेन ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक की थी जिसके बाद यह अहम फैसला लिया गया है. कैबिनेट सेक्रेटरी वंदना डाडेल ने फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि ट्रांसजेंडर किन्नर समुदाय के लोगों को मुख्यमंत्री राज्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत मासिक पेंशन भी दी जाएगी. इसके अलावा इन्हें नौकरी और शिक्षा में आरक्षण देने का भी फैसला लिया गया है. टांसजेंडर समुदाय को हर महीने अब पेंशन के रूप में 1000 रुपए दिए जाएंगे. कैबिनेट की बैठक में कुल 35 फैसलों पर मुहर लगी है.
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तमिलनाडु निकाय चुनाव में ट्रांसजेंडर्स को आरक्षण
तमिलनाडु सरकार को मद्रास हाई कोर्ट ने स्थानीय निकाय चुनाव में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को आरक्षण देने का निर्देश दिया है. तमिलनाडु की अदालत ने कुड्डालोर जिला कलेक्टर को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि स्थानीय निकाय में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को आरक्षण दिया जाए. इसके अलावा, कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी स्पष्ट किया है कि ट्रांसजेंडर्स को लंबे समय तक अपने अधिकारों से वंचित रखा गया है और उनकी पीड़ाओं को सुना जाना जरूरी है.
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लंबे समय से हो रही है आरक्षण की मांग
बता दें कि ट्रांसजेंडर्स के लिए काम करने वाले अलग-अलग संगठन लंबे समय से यह मांग कर रहे हैं कि इस वर्ग के लोगों को मुख्यधार में शामिल किया जाना चाहिए. इसके लिए नौकरी और शिक्षा में आरक्षण की मांग की जा रही है. फिलहाल झारखंड सरकार ने यह आरक्षण दिया है और इसे एक प्रगतिशील फैसले के तौर पर देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि इससे इस वर्ग के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्थाओं को बल मिलेगा और दूसरे राज्यों में भी इसकी शुरुआत हो सकती है.
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